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Monday, September 15, 2025

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने DRM एवं GM को दी चेतावनी, अफसर भूल जाएं करप्शन और बेइमानी

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रेलमंत्री ने दी अधिकारियों को चेतावनी, करप्शन पर ‘ जीरो टारलेंस
–देशभर के महाप्रबंधकों, डीआरएम के साथ किया मैराथन बैठक
–रेल अधिकारी भूल जाएं करप्शन और बेइमानी, नहीं तो नपेंगे
–‘एक छटांक माल ढुलाई की संभावना है, तो रेल अधिकारी तलाशें

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने देशभर के रेल अधिकारियों का माल ढुलाई से आमदनी बढ़ाने, यात्री सुविधाओं एवं सेफ्टी के लिए हर संभव उपाय करने का आह्वान करते हुए आज उन्हें साफतौर पर चेताया कि वित्तीय एवं पेशेवराना ईमानदारी से समझौता कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो वह खुद बेईमान अफसरों को जेल भिजवाएंगे। रेलमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वह अगले 3 साल तक बेईमानी और करप्शन और बेईमानी को भूल जाएं, अन्यथा रेल में उनकी जगह नहीं होगी। जबकि पेशेवराना निर्णय के कारण यदि कोई फंसेगा तो उस पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। उसके पीछे वह खुद ढाल बनकर खड़े हो जाएंगे।
नवनियुक्त रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी 17 जोनों के महाप्रबंधकों और 68 मंडल रेल प्रबंधकों के साथ शनिवार को मैराथन बैठक की। इस दौरान उन्हें मालवहन के क्षेत्र में रेलवे की हिस्सेदारी को बढ़ाने का मंत्र दिया। साथ ही कहा कि यदि कहीं ‘एक छटांक मालÓ भी है तो रेल अधिकारी जाकर उसे हासिल करें। रेल मंत्री ने कोविड काल में आमदनी बढ़ाने की कठिन चुनौती से उबरने के लिए एक रोडमैप भी साझा किया और कहा कि रेलवे पर पेंशन का भार बढ़ रहा है। इस समय करीब 18 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कुल मिला कर लगभग 55 हजार करोड़ रुपए पेंशन मिल रही है और आगे इसमें वृद्धि होगी। इसलिए इसके लिए आवश्यक प्रबंध करने होंगे।
सूत्रों के मुताबिक रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को निर्देश दिये कि वह वित्तीय एवं पेशेवराना ईमानदारी, विभागीय बहाने से काम टालना और संरक्षा को लेकर लापरवाही के रवैये से समझौता कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने बहुत साफ शब्दों में कहा कि यदि किसी अफसर को बेईमानी की आदत है तो आने वाले तीन साल उसे ये भूलना होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई बदनीयती से ऐसा निर्णय लेता है जिससे बेईमानी को संरक्षण या बढ़ावा मिलता है तो ऐसे अधिकारी को वह खुद सलाखों के पीछे पहुंचवाएंगे। पर साफ इरादे के किसी पेशेवराना निर्णय से यदि कोई अफसर संकट में फंसता है तो वह खुद ढाल बन कर उसकी रक्षा करेंगे। ऐसे किसी भी अधिकारी का बाल बांका भी नहीं होने देंगे।

कोई अधिकारी काम नहीं करता है तो बर्दाश्त नहीं

सूत्रों ने बताया कि रेलमंत्री ने रेलवे के अधिकारियों की तारीफ की और कहा कि उनमें अपार क्षमता एवं योग्यता है तथा उनकी बदौलत रेलवे की तस्वीर बदली है जिसे और आगे तक ले जाना है। वैष्णव ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों को राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की नीति पर चलते हुए अपने विभाग एवं विभागीय सीमाओं से परे सोचना एवं काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी विभागीय सीमाओं का हवाला देकर काम नहीं करता है तो उसे भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसी प्रकार से संरक्षा के मामले में चूक हो सकती है लेकिन यदि किसी को संरक्षा की चूक का कोई संकेत मिले और फिर भी वह त्वरित कार्रवाई नहीं करेगा तो उसे भी छोड़ा नहीं जाएगा।

रेलवे की आमदनी माल ढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की आमदनी माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर देने के लिए अधिकारियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यदि कहीं एक छटांक भी माल ढुलाई की संभावना दिखे तो रेल अधिकारी सक्रियता से उसे हासिल करें। उन्होंने ई-वे बिलों के माध्यम से किये एक अध्ययन का साझा किया और कहा कि रेलवे अधिकारियों को अपने मंडल के सभी जिलों के उत्पाद एवं उद्योगों की सूची तैयार करके उनके माल ढुलाई के कारोबार हासिल करने चाहिए। रेल मंत्री ने अधिकारियों को नियमों के बंधनों के पार जाकर भी संभावनाओं पर काम करने की हिदायत दी और कहा कि नया नियम यह है कि यदि किसी नियम के कारण कहीं से माल ढुलाई का नियमित यातायात मिलने की संभावना बाधित हो रही है तो वह आधी रात को नींद से उठ कर नियम बदलने की स्वीकृति प्रदान करेंगे।

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