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Saturday, April 20, 2024

वरिष्ठ नागरिकों की रियायत खत्म कर इंडियन रेलवे ने कमाए 2,242 करोड़ रुपये

नई दिल्ली/, खुशबू पांडेय : भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली रियायत को रद्द कर उनसे लगभग 2,242 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। भारतीय रेलवे ने कहा कि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच उसने लगभग आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को छूट नहीं दी। इन वरिष्ठ नागरिकों में 4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिलाएं और 18,000 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। इस अवधि के दौरान वरिष्ठ यात्रियों से कुल राजस्व 5,062 करोड़ रुपये रहा, जिसमें रियायत के निलंबन के कारण अर्जित अतिरिक्त 2,242 करोड़ रुपये शामिल हैं।

वरिष्ठ नागरिकों की रियायत खत्म कर रेलवे ने भरा खजाना
-एक साल में करीब 8 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे ने नहीं दी छूट
-4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिलाएं और 18,000 ट्रांसजेंडर शामिल

वरिष्ठ नागरिकों के किराए से रेलवे को होने वाली कमाई में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 20 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच रेलवे ने 7.31 करोड़ वरिष्ठ यात्रियों को रियायत नहीं दी। इनमें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 4.46 करोड़ पुरुष यात्री, 58 से अधिक उम्र की 2.84 करोड़ महिला यात्री और 8,310 ट्रांसजेंडर शामिल थे। वरिष्ठ नागरिक यात्रियों से मिला कुल राजस्व 2020-22 के दौरान 3,464 करोड़ रुपये था, जो उन्हें रियायत की पेशकश पर होने वाली आय के मुकाबले 1,500 करोड़ रुपये अधिक है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, रेलवे ने पुरुष वरिष्ठ नागरिक यात्रियों से 2,891 करोड़ रुपये, महिला यात्रियों से 2,169 करोड़ रुपये और ट्रांसजेंडरों से 1.03 करोड़ रुपये कमाए। महिला वरिष्ठ नागरिक यात्री 50 प्रतिशत रियायत के लिए पात्र हैं, जबकि पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत का लाभ उठा सकते हैं। रियायत का लाभ उठाने के लिए महिला की न्यूनतम आयु सीमा 58 वर्ष है, जबकि पुरुष के लिए यह 60 वर्ष है।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद मार्च 2020 से वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायतें रोक दी गई थीं। उन रियायतों को अब तक बहाल नहीं किया गया है। ट्रेन सेवाएं जहां 2020 में अधिकांश समय और 2021 के कुछ हिस्सों में निलंबित रहीं वहीं सेवाओं के सामान्य होने के साथ ही रियायतों को बहाल करने की मांग उठने लगी है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एक आवेदन पर मिली जानकारी में यह बात सामने आई। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 के बीच 1,500 करोड़ रुपये अधिक कमाए थे। कोविड महामारी की शुरुआत के बाद बुजुर्ग यात्रियों को दी जाने वाली छूट निलंबित कर दी गई थी। मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौर द्वारा आरटीआई अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में भारतीय रेलवे ने कहा कि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच उसने लगभग आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को छूट नहीं दी। इन वरिष्ठ नागरिकों में 4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिलाएं और 18,000 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

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