–रेलवे की जगादरी ईकाई से हुई शुरुआत, जल्द पूरे देश में बनेगा
–रोजाना 1000 पीपीई-पोशाक का निर्माण किया जाएगा
–रेलवे अस्पतालों के अलावा देश के बाकी अस्पतालों में भी जाएगा
–देश के लिए 50 प्रतिशत पीपीई-पोशाक की आपूर्ति करने की तैयारी
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली, 7 अप्रैल : भारतीय रेलवे कोरोना वायरस से निपटने के लिए अपनी रफ्तार तेज कर दी है। साथ ही अपनी पूरी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं। ट्रेनों के 2,500 डिब्बों को आईसोलेशन कोच में बदलने के बाद अब रेलवे के डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई-पोशाक बनाने जा रही है। शुरुआत हरियाणा में पड़ते जगाधरी स्थिति रेलवे कार्यशाला में सबसे पहले पीपीई-पोशाक तैयार किए जा रहे हैं। यहां रोजाना 1000 पीपीई-पोशाक का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय रेलवे अपने अन्य 17 निर्माण ईकाईयों (कोच फैक्ट्रियों, कारखानों एवं इंजन कारखानों) में भी जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करेंगी।
सूत्रों के मुताबिक रेलवे पहले अपने कर्मचारियों और बाद में समय की मांग को देखते हुए रेलवे, अन्य फ्रंट लाइन चिकित्साकर्मियों की कुल पीपीई-पोशाक जरूरतों के 50 प्रतिशत की आपूर्ति करने की तैयारी कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक भारतीय रेल ने अपनी कार्यशालाओं में पीपीई-पोशाक के उत्पादन की शुरूआत की है। जगाधरी कार्यशाला के द्वारा तैयार पीपीई-पोशाक को डीआरडीओ से मंजूरी मिली है, जो इस कार्य के लिए अधिकृत संस्था है। मंजूर किए गए डिजाइन और सामग्री के आधार पर विभिन्न जोन स्थित कार्यशालाएं सुरक्षा प्रदान करने वाली इन पोशाकों का निर्माण करेंगी।
रेलवे के फ्रंटलाइन डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई-पोशाक
रेलवे के अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों की देखभाल में जुटे रेलवे के फ्रंटलाइन डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को इस पीपीई-पोशाक से काफी सहायता प्राप्त होगी। रेलवे का दावा है कि पीपीई-पोशाक के कुल उत्पादन के 50 प्रतिशत को देश के अन्य चिकित्साकर्मियों के लिए उपलब्ध कराएगा। प्रवक्ता के मुताबिक आनेवाले दिनों में उत्पादन सुविधाओं को और बढ़ाया जाएगा। इस पोशाक के विकास और रेलवे के नवाचार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जुटे अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा भी स्वागत किया जा रहा है।
इस पीपीई-पोशाक के तकनीकी विवरण और सामग्री आपूर्तिकर्ता दोनों तैयार हैं। अब उत्पादन सही तरीके से शुरू किया जा सकता है। यह पोशाक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जुटे डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने में प्रोत्साहन प्रदान करेगा। रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक पोशाक के लिए सामग्री की खरीद केन्द्रीकृत रूप में जगाधरी कार्यशाला द्वारा की जा रही है, जो पंजाब के कई बड़े कपड़ा उद्योगों के निकट स्थित है।
पीपीई का विकास करना एक बड़ी उपलब्धि
बता दें कि रेलवे का यह आंतरिक प्रयास भारत सरकार को किए गए एक अनुरोध पर आधारित है और मांग के अनुरूप एचएलएल को भी जानकारी दी गई है। इतने कम समय में पीपीई का विकास करना एक बड़ी उपलब्धि है, जिसका अनुसरण अन्य एजेंसियां भी करना चाहेंगी। इससे फ्रंटलाइन चिकित्साकर्मियों के लिए जरूरी सुरक्षात्मक पोशाक के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।