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Monday, October 7, 2024

LOC के बाद DSGMC अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा पर घेरेबंदी तेज, सरना ने मांगा इस्तीफा

-श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से अपील, सिरसा को पद से हटाएं
-सुखबीर बादल, एसजीपीसी अध्यक्ष की चुप्पी पर विपक्ष ने बोला हमला
-सरना बंधुओं ने संगत से की अपील, धोखाधड़ी करने वाले को मुंह न लगाएं

नई दिल्ली /मोक्षिता : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद दिल्ली में सिख सियासत गरमा गई है। कमेटी में प्रमुख विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने मंगलवार को सिरसा से इस्तीफा मांगा है। साथ ही श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से अपील की है कि वह तत्काल मनजिंदर सिरसा को पद से हटाते हुए इस्तीफा ले लें। सरना ने कहा कि सिख इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि डीएसजीएमसी के प्रधान के खिलाफ चोरी, गबन और धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामलों में लुक आउट नोटिस हुआ है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि जिनको शहीदां-दी-जथेबंदियों का उदाहरण होना चाहिए वह सिर्फ टोला-ए-ठग बनकर रह गए हैं।

LOC के बाद DSGMC अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा पर घेरेबंदी तेज, सरना ने मांगा इस्तीफा

पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरना ने कहा कि इससे पहले तत्कालीन अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद पार्टी ने तुरंत इस्तीफा मांग लिया था और जीके ने बिना देरी किए इस्तीफा दे भी दिया था। लेकिन, मनजिंदर ङ्क्षसह सिरसा इतना सबकुछ होने के बावजूद भी इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। उलटे दूसरों पर इल्जाम लगाने में जुट गए हैं। इस बावत परमजीत सिंह सरना ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल, एसजीपीसी प्रमुख बीबी जागीर कौर और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को चुप्पी तोड़ते हुए कार्रवाई की मांग की है।
इस मौके पर परमजीत सिंह सरना और पार्टी महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने सबूत भी पेश किए। सरना के अनुसार उन्होंने 2018-19 में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मुलाकात करके दिल्ली कमिटी के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार के मामले को उठाया था। तब उन्होंने भरोसा दिया था कि जल्द ही करवाई शुरू की जाएगी, लेकिन अब तक कुछ भी नहींहुआ। बता दें कि सिरसा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की शिकायत सरना दल के प्रवक्ता भुपिंदर ङ्क्षसह ने अदालत में की है। इस मौके पर दिल्ली कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने कहा कि वर्तमान कमिटी के किसी भी कार्यो का निष्पक्ष ब्यौरा संगत के सामने नहीं दी रही है। 120 करोड़ के रिजर्व खत्म है और 250 करोड़ के अनुमानत: रिजर्व के किसी भी खर्चो का आंकड़ा मौजूद नहीं है। स्कूल, कॉलेज दम तोडऩे के कगार पर हैं। कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है। कोरोना काल मे सेवा के नाम पर जमा आक्सीजन कंस्ट्रेटर इत्यादि को दिल्ली से बाहर भेज दिया गया। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन से 12 करोड़ इत्यादि लिए गए उनका कोई हिसाब-किताब नहीं। सिख मर्यादाएं तार-तार हो रही है, उनको देखने वाला कोई नहीं है ।
तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि भ्रष्ष्टाचार के खिलाफ अपनी जंग को और तेज किया जाएगा। सरना ने देश और दुनिया की संगत से अपील करते हुए कहा कि वह ऐसे लोगों से संपर्क ना करें, जो गुरू की गोलक को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

गुरुद्वारा कमेटी ने किया पलटवार, कहा-अदालत को गुमराह किया गया

कमेटी के लीगल सेल के चेयरमैन जगदीप सिंह काहलों ने दावा किया कि दिल्ली की अदालत को गुमराह कर झूठे बयानों के आधार पर कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ एलओसी जारी करवाया गया है। इस बावत कमेटी ने पलटवार करते हुए सरना पार्टी के नेता भुपिंदर सिंह के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद अदालत ने भूपिंदर सिंह को नोटिस जारी कर दिया है। काहलों ने बताया कि अदालत में बताया कि भुपिंदर सिंह ने अपनी अर्जी में झूठे व निराधार ऐलान नामे के आधार पर अदालत को गुमराह किया है। काहलों ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी चुनावों में अपनी हार सुनिश्चित देख कर विरोधी तुच्छ हरकतों पर उतर आये हैं। विरोधी पहले मानवता के भले के लिए किये जा रहे कार्यों का विरोध करते रहे फिर गुरुधामों के खिलाफ बोलते रहे और अब इन हरकतों पर उतर आये हैं।

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