30.2 C
New Delhi
Thursday, May 1, 2025

सिखों ने की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात, सौंपा ज्ञापन

—पुणे तथा मथुरा छावनी क्षेत्र के गुरुद्वारों में सेना के दखल पर जताई आपत्ति
—किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज सभी केस वापस लेने की मांग

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : सिखों ने पुणे तथा मथुरा छावनी क्षेत्र के गुरुद्वारों में सेना अधिकारियों की गैरजरूरी दखलअंदाजी के मामले को लेकर आज यहां केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। साथ ही उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इसकी अगुवाई जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने की। इस मौके पर जीके ने बताया कि सिख कौम के धार्मिक स्थलों पर सेना अधिकारियों की आपत्तिजनक कार्रवाई सिखों का मनोबल गिराने वाली हैं। एक तरफ चीन व पाकिस्तान की सीमाओं पर सिख फौजियों के द्वारा दिखाई जाती बहादुरी और कर्तव्य परायणता प्रत्येक सिख का सीना चौड़ा कर देती हैं। पर दूसरी तरह देश हितों के लिए समर्पित सिख कौम के छावनी क्षेत्र में बने धार्मिक स्थलों के साथ अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों की तरह बराबरी का व्यवहार सेना अधिकारियों के द्वारा ना किए जाने की आती खबरें बेहद परेशान करने वाली तथा सिखों को दुसरे दर्जे का नागरिक महसूस करवाने के साथ ही गुरुद्वारों के प्रति नफरत की भावना का अहसास कराने वाली प्रतीत होती हैं।

सिखों ने की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात, सौंपा ज्ञापन

जीके ने बताया कि पुणे के यरवदा छावनी क्षेत्र में गुरुद्वारा दशमेश दरबार 1959 में लगभग 30000 वर्ग फुट पर स्थापित हुआ था। इसके आसपास सिखों ने अपनी जमीन खरीद करके अपने घर बनाए हुए हैं। लेकिन समय-समय पर सेना अधिकारी गुरुद्वारा दशमेश दरबार को हटाने की कोशिश करते रहे हैं। इसके लिए गुरुद्वारा कमेटी ने अदालत से लेकर सरकार तथा सियासी नेताओं तक पहुंच भी की हैं। लेकिन मामला हल नहीं हुआ।
इसी तरह मथुरा छावनी क्षेत्र में बने गुरुद्वारा साहिब के निर्माण की नींव सिख संगत ने अपने खर्च पर ब्रिटिश सरकार के समय 5 दिसंबर 1936 को रखी थी। 2016 तक गुरुद्वारा साहिब का रखरखाव व प्रबंधन सिख संगत के पास था, परन्तु 2016 से सुरक्षा का हवाला देकर गुरुद्वारा साहिब को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। हालांकि स्थानीय सांसद हेमा मालिनी की कोशिश से 12 नवंबर 2019 को गुरु नानक साहिब जी के 550वें प्रकाश पर्व पर 1 हफ्ते के लिए गुरुद्वारा साहिब को खोला गया था। भाई घन्हैया जी सेवक जत्थे ने बड़ी कोशिशें की किसी तरह से गुरुद्वारा साहिब खुल जाए तथा गुरुद्वारा साहिब में मौजूद गुरु ग्रंथ साहिब जी के 2 पवित्र स्वरूपों की सेवा संभाल सिख रहता मर्यादा के अनुसार हो सके, परन्तु सेना अधिकारियों की हठधर्मिता तथा अन्य धार्मिक स्थलों की तरह गुरुद्वारा साहिब को बराबरी की नजर से ना देखने की वजह से गुरुद्वारा साहिब बंद हैं। राजनाथ सिंह ने मामलों के हल का भरोसा दिया है।
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने सिखों ने किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी केस वापस लेने की केंद्र सरकार से मांग की है।

latest news

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles