–दिल्ली चुनाव को लेकर अकाली दल की वर्किंग कमेटी की बैठक
–भाजपा को समर्थन देने पर बंटी दो राय, कुछ विरोध में तो कुछ समर्थन को तैयार
–बैठक में एक पार्षद व पूर्व विधायक आपस में भिड़े, नोक झोक
–पार्टी ने गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों की भी बुलाई बैठक, ली राय
–दिल्लीवालों की राय पार्टी ने हाईकमान को भेजा, फैसला जल्द
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल : दिल्ली विधानसभा चुनावों से बाहर हो चुके शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) अब किस पार्टी को समर्थन देगा, इस बारे में अकाली दल के नेता आज फैसला नहीं कर पाए। इसको लेकर दिल्ली प्रदेश ईकाई की ओर से कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में अधिकतर सदस्यों की राय भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को समर्थन करने के मुद्दे पर बंटी हुई थी। कुछ का मानना था कि भाजपा को समर्थन देना चाहिए। लेकिन, ज्यादातर सदस्य भाजपा को समर्थन देने के खिलाफ थे। इसी बात पर एक पार्षद और एक पूर्व विधायक के बीच जमकर कहा सुनी हो गई। मामला बढ़ता देख वरिष्ठ सदस्यों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया। आखिरकार सभी सदस्यों की राय बंद लिखित ली गई और उसकी जानकारी हाईकमान को भेज दी गई। इस मौके पर एकराय न होने के कारण अंतिम फैसला लेने का अधिकार पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया है।
हालांकि, पार्टी की केंद्रीय कोर कमेटी ने दो दिन पहले चंडीगढ़ में बैठक कर इस मसले पर दिल्ली की स्थानीय ईकाई को फैसला लेने को कहा था। आज दिल्ली प्रदेश अकाली दल की वर्किंग कमेटी की पहले बैठक हुई। उसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों की बैठक बुलाई गई। दोनों ही बैठकों में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। जिस वजह से कोई फैसला नहीं हो पाया है। सूत्रों की माने तो इस मौके पर खासकर नवोदय टाइम्स में अकाली पार्षदों के द्वारा भाजपा के पक्ष में खबर शुरू करने की छपी खबर भी चर्चा में रही। साथ ही शाहदरा सीट से पार्टी के मना करने के बावजूद जतिंदर सिंह शंटी के द्वारा बतौर भाजपा उम्मीदवार नामांकन दर्ज कराने पर भी कई लोगों ने सवाल उठाए। कुल मिलाकर अकाली दल के दिल्ली के नेता नतीजे पर नहीं पहुंच पाए।
बैठक में सभी अकाली दिग्गज रहे मौजूद
बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका की अगुवाई में हुई। इस मौके पर वरिष्ठ नेता अवतार सिंह हित, दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीबी रंजीत कौर, उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ, अमरजीत सिंह पप्पू, हरिंदर पाल सिंह, एमपीएस चढडा, जिंतेदंर सिंह साहनी, जितेंदर सिंह शंटी, हरमनजीत सिंह, परमजीत सिंह चंडोक, परमजीत सिंह राणा आदि मौजूद रहे।
दिल्ली चुनाव से बाहर है अकाली दल
बता दें कि दिल्ली में अब तक हर विधानसभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल भाजपा के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ता रहा है। भाजपा सिख कोटे के तहत अकाली दल को 4 सीटें (सिख बहुल) राजौरी गार्डन, हरी नगर, शाहदरा, एवं कालकाजी देता रहा है। लेकिन, इस बार गठबंधन के बीच आपसी टकराव, ज्यादा सीटों की डिमांड एवं सभी सीटों पर अकाली दल के चुनाव चिन्ह पर उतरने के फैसले से मामला बिगड़ गया। साथ ही अकालियों द्वारा मोदी सरकार के प्रमुख मुदद्े सीएए के खिलाफ उतरने के चलते भाजपा ने अकाली दल को एक सीट भी दिल्ली में चुनाव लडऩे के लिए नहीं दिया।
शिअद हाईकमान करेगा फैसला : कालका
इस बावत अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने मीडिया को बताया कि शिरेामणि अकाली दल की राष्ट्रीय कोर कमेटी के आदेश पर आज दिल्ली मेें बैठक बुलाई गई थी। बैठक में 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में अकाली दल किसको समर्थन देगा, इसपर सभी की राय ली गई है। पूरी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भेज दिया गया है, लिहाजा फैसला अब हाईकमान करेगा। जो भी आदेश आएगा उस आधार पर विधानसभा चुनाव में किसका समर्थन करना है उसपर काम किया जाएगा। कालका ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के चुनावी मैदान से हटने के कारण कार्यकर्ता निराश हैं। लोगों का जोश ठंडा पड़ गया है।