–गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष एवं महासचिव को लिखा पत्र
–स्कूलों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब, लग सकता है ताला
–तीन से चार महीने का कर्मचारियों को नहीं मिला है वेतन
–स्कूलों में पढ़ रहे हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ()DSGMC के अधीन चलते सभी गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूलों की खराब वित्तिय स्थिति को सुधारने के लिए शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) ने बड़ी पहल की है। साथ ही इन स्कूलों का प्रबंध खुद चलाने का प्रस्ताव गुरुद्वारा कमेटी को भेजा है। इस बावत दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना एवं प्रधान महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने कमेटी के अध्यक्ष एवं महासचिव को एक भावुक पत्र लिखा है। पत्र के जरिये सरना बंधुओं ने दावा किया है कि स्कूलों का प्रबंध हमें मिलने पर हम अपनी पूरी ताकत से इन स्कूलों की विरासत को समयबद्व चरण में बहाल करेंगे। क्योंकि, मौजूदा समय में गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल अपनी स्थापना के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक दौर में से गुजर रहे हैं।
स्कूलों की इस प्रतिष्ठित कड़ी को बीसवीं सदी के महान विद्वानों ने शिक्षा का लंगर नौजवानों को देने के लिए कड़ी मेहनत से स्थापित करवाया था। लेकिन, मौजूदा समय में वित्तिय और संस्थागतप्रबंधन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। स्कूलों में काम कर रहे स्टाप को समय पर उनका मेहनताना (वेतन) नहीं मिल रहा है।
इस वजह से छात्रों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। सरना ने कहा कि हम लोगों ने इन स्कूलों केा चलाने के लिए अपने प्रबंध काल के दौरान बेहतरीन कार्य किए थे। उन्होंने कहा कि चूंकि वे सिख विरासत को संभालने के हमेशा से पैरोकार रहे हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि गुरु हरिकिशन पब्लिक स्क्ूलों की कड़ी को बिखरने एवं बंद होने से बचाया जा सके।
बता दें कि दिल्ली में कुल 12 हरिकिशन पब्लिक स्कूल की ब्रांचें हैं, जिसमें लगभग 25 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इसमें करीब 1600 टीचिंग स्टाफ सहित करीब 3500 कर्मचारी काम करते हैं।
कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना के मुताबिक स्कूल की 5 शाखाओं में अपने स्टाफ को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। जिस कारण तीन से पांच महीने का वेतन कई शाखाओं में बकाया है। जिसकी वजह से स्टाफ ने सोशल मीडिया पर वेतन के लिए प्रबंधकों के खिलाफ पिछले कई दिनों से मोर्चा खोल रखा है।
सरना की वजह से ही स्कूलों की स्थिति हुई खराब : कमेटी
दिल्ली कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने सरना बंधुओं की नई पहल पर करारा पलटवार किया है। साथ ही कहा है कि अगर आज कमेटी की आर्थिक स्थिति खराब है तो इसके लिए कोई और नहीं बल्कि सरना बंधु ही जिम्मेदार हैं। कालका ने कहा कि वर्ष 2006 में छठां वेतन मान जब लगा था, तब सरना बंधुओं ने इसका भुगतान नहीं किया। वह वर्ष 2013 तक कमेटी की सत्ता पर काबिज रहे। उलटे उन्होंने 550 लोग फालतू भर्ती कर लिए। उनके जाने के बाद रही सही कसर मंजीत सिंह जीके ने पूरी कर दी। दोनों ने मिलकर करोड़ो रुपये खुर्द बुर्द करके गए।
अब सरना किस मुंह से स्कूलों पर सवाल उठा रहे हैंँ। कालका ने सुझाव दिया कि सरना बंधुओं के पास अगर पैसा है तो वह कमेटी को तय शुदा रकम उधार दे दें, वह सभी को वेतन दे देंगे, कुछ साल के भीतर कमेटी उनका पैसा लौटा देगी।