— कड़े नियम बनाकर खोले जाएं मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारे
— गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व महासचिव ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र
— दिल्ली के उप राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी गुहार, खोलें आस्था के केंद्र
— आस्था के केंद्रों में दुआ मांगने से खत्म होगा कोरोना महामारी
(अदिती सिंह)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव एवं वर्तमान सदस्य गुरमीत सिंह शंटी ने केंद्र सरकार एवं दिल्ली सरकार से गुहार लगाई है की दिल्ली में धार्मिक स्थलों को खोला जाए। इसको लेकर शंटी ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। साथ ही दूसरा पत्र दिल्ली के उप राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी लिखा है।
केंद्र खोले केंद्र मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारें
गुरमीत सिंह शंटी ने गृहमंत्री से कहा कि जैसे शराब की दुकानों को खोलने के लिए नए नियम बनाए गए, बाजारों को खोलने के लिए नए नियम बनाए गए, पब्लिक ट्रांसपोर्ट , बस रेलवे और घरेलू हवाई यातायात के लिए कानून बनाकर उन्हें लॉक डाउन के दौरान शुरू किया गया है, ठीक उसी तरह आस्था के केंद्र मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा के लिए भी नए नियम बनाकर उन्हें खोल दिया जाना चाहिए।
आस्था के केंद्रों में सामाजिक दूरी का पूरी तरह हो पालन
गुरमीत सिंह शंटी ने पत्र के जरिए गृह मंत्री अमित शाह को कहा कि कोरोना महामारी के समय लोग परेशान और दुखी भी हैं। दुख की घड़ी में हर इंसान अपने इष्ट देवता को पूजता है और उनकी चौखट पर नतमस्तक होता है । लेकिन लॉक डाउन के चलते सभी धर्मों के आस्था के केंद्र बंद पड़े हैं , लिहाजा बाजार, गाड़ी, हवाई जहाज और रेलवे की तर्ज पर एक नया नियम बनाकर मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारों को भी खोल दिया जाना चाहिए। साथ ही यह निर्देशित भी किया जाना चाहिए कि जैसे बाकी स्थलों पर लॉक डाउन के नियमों का पूर्ण तरह पालन हो रहा है उसी तरह मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारों में भी नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। सभी आस्था के केंद्रों में सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन भी होना चाहिए , ताकि लोगों को दिक्कत भी ना हो और लोग मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारों में जाकर देश और दिल्ली की भलाई के लिए दुआ कर सकें।
मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारें से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप में जुड़े है लोग
बता दें कि करोना महामारी के फैलते प्रकोप को देखते हुए जब से देशव्यापी लॉक डाउन लगाया गया है तभी से दिल्ली सहित देशभर के मंदिर मस्जिद एवं गुरुद्वारे चर्च बंद कर दिए गए हैं। इन आस्था के केंद्रों से सैकड़ों लोग डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से जुड़े भी हैं। आस्था केंद्रों में ताला बंद होने से लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है लिहाजा इस बारे में गहन अध्ययन कर नए नियम के साथ सभी आस्था के केंद्रों को खोल देना चाहिए।
इस तरह होगी जरूरतमंदों की मदद
दिल्ली कमेटी के सदस्य सरदार गुरमीत सिंह शंटी ने कहां की सिख एक मार्शल कौम है यही कारण है कि हर आपदा में सबसे आगे रहकर अपना योगदान देता रहा है। कोविड महामारी में देश व्यापी बंदी के बाद बिगड़े हालात में वह खुद और दिल्ली के कई सिख संस्थाओं ने घर से बाहर निकल कर लोगों की हर संभव मदद की। लिहाजा उन्हें लगता है कि अगर आस्था के केंद्रों को अब खोल दिया जाए तो हम और अच्छी तरह से जरूरतमंदों की मदद कर सकेंगे।
गुरमीत सिंह जी आपकी बहुत अच्छी पहल है सरकार को इस पर तुरंत विचार करना चाहिए