नई दिल्ली, (नीता बुधौलिया ) : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नई टीम ने प्रबंधन को सुचारू रूप से चलाने एवं पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ी पहल की है। इसके तहत प्रबंधन में दिल्ली के बड़े नामचीन सिखों, संगतों को प्रबंधन में भागीदार बनाने का फैसला लिया गया है। यह फैसला 15 दिन के अंदर आम इजलास ला कर ले लिया जायेगा। इसके लिए आज कमेटी ने दिल्ली एनसीआर से प्रबुध सिखों, औद्योगिक घरानों से जुड़े प्रतिनिधियों की एक खास बैठक बुलाई। बैठक की अध्यक्षता कमेटी प्रधान मनजिन्दर सिंह सिरसा ने की। सिरसा ने बताया कि सभी सेवाओं को सुचारू तरीके से चलाने के लिए और पारदर्शिता लाने के लिए अलग-अलग कौंसिल बनाई जायेगी। इसमें वित्त कमेटी, शिक्षा कौंसिल, मैडिकल कौंसिल, धर्मप्रचार कमेटी आदि का गठन किया जायेगा। इसमें कमेटी और संगत दोनों के सदस्य शामिल किये जायंगें, लेकिन संगत के हाथ में ज्यादा शक्ति दी जायेगी।
इस मौके पर सिरसा ने बताया कि गुरुद्वारों की गोलक कमेटी द्वारा नहीं खोली जाती बल्कि सीधा बैंक ही गोलक खोलता है। गुरुद्वारा कमेटी की सेवादारी पैसा कमाने के लिए नहीं ली है, बल्कि चाहता हूं कि कुछ ऐसा करके जाये जिससे आने वाले समय में गुरुद्वारा प्रबंधों की सेवा सही चले और सारे अदारे चढ़दीकला में रहे। दिल्ली कमेटी प्रधान ने बताया कि आज की मीटिंग में सभी शख्सीयतों ने बहुमुल्य सुझाव दिये और जो सबसे बढिय़ा फैसला लिया गया वो यह था कि संगत की समूलीयत से कौंसिल बनाई जाये। उन्होंने कहा कि यह फैसला 15 दिन के अंदर आम इजलास ला कर ले लिया जायेगा।
मीटिंग में जिन शख्सीयतों ने भाग लिया, उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा नाम कमाया है और इनका किसी भी सियासी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। इस मौके पर एम.एस. कोहली, इकबाल सिंह आनन्द, त्रिलोचन सिंह, डा. जसपाल सिंह, विक्रम सिंह साहनी, लेफ्टिीनेंट जनरल भूल्लर, अवतार सिंह हित, बिशन सिंह बेदी, डा. वरियाम सिंह, राजबीर सिंह, रूपिन्दर सिंह सूरी, कुलवंत सिंह बाठ, बीबी रणजीत कौर आदि लोग मौजूद रहे।