नई दिल्ली /सुनील पाण्डेय। एक करोड़ के ईनामी और कुख्यात नक्सली भूपति के आत्मसमर्पण के बाद उसकी गैंग के 140 से ज्यादा नक्सलियों ने भी सरेंडर कर दिया है। बीजापुर जिले में मौजूद इन नक्सलियों को जगदलपुर लाया जा रहा है। संभवतः ये सभी नक्सली जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष 17 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करेंगे। इसे अब तक देश में सबसे बड़ा नक्सली आत्मसमर्पण माना जा रहा है। आत्मसमर्पण करने जा रहे नक्सलियों में दंडाकारण्य स्पेशल जोनल कमेतो डीकेएसजेडसी के प्रवक्ता रूपेश का भी नाम शामिल है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही एक करोड़ के ईनामी नलसली लीडर भूपति समेत दर्जनों बड़े कैडर के नक्सलियों ने महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण किया था। इसके अलावा बसव राजू समेत कुछ बड़े नक्सली नेता मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
—गैंग के 140 से ज्यादा नक्सलियों ने भी सरेंडर कर दिया,नक्सलियों में डीकेएसजेडसी का प्रवक्ता रुपेश भी शामिल
—सभी नक्सली जगदलपुर में आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे
अब भूपति के समूह के 140 से अधिक नक्सलियों के आत्मसमर्पण निर्णय लिया है। इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण का प्रस्ताव बीजापुर के पुलिस और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजा था। अधिकारियों ने यह प्रस्ताव मान लिया है। आत्मसमर्पण के इच्छुक 140 से भी अधिक नक्सली बीजापुर जिले में इंद्रावती नदी के उस पार उसपरी घाट पर एकत्रित हैं। ये सभी भूपति गैंग के सदस्य बताए गए हैं। सरेंडर करने जा रहे नक्सलियों में डीकेएसजेडसी का प्रवक्ता रुपेश भी शामिल है। नक्सली संगठनों की रणनीति बनाने में रुपेश अहम भूमिका निभाता रहा है और नक्सली फैसलों व फरमानों से जुड़ा बयान रुपेश ही जारी करता रहा है। इस बड़े आत्मसमर्पण के मद्देनजर पुलिस सिआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी व अन्य सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है। हथियारों के साथ आत्मसमर्पण के लिए सभी को जगदलपुर ले जाने की तैयारी है। इस लिहाज से बीजापुर से जगदलपुर के बीच पूरे मार्ग के चप्पे चप्पे पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस जवानों को तैनात किया गया है। वहीं जगदलपुर में जहां पर आत्मसमर्पण का कार्यक्रम होगा, वहां भी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। महाराष्ट्र व अंतागढ़ और सुकमा के बाद अब बीजापुर में लाल आतंक का सफाया शुरू हो गया है। इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद नक्सली संगठनात्मक रूप से बेहद कमजोर हो जाएंगे और जो बचे खुचे बाहरी नक्सली हैं वे या तो अपने प्रदेशों की ओर कूच कर जाएंगे, या आत्मसमर्पण कर देंगे या फिर सुरक्षा बलों की गोलियों से मारे जाएंगे।
हम रेड कार्पेट बिछाकर करेंगे स्वागत: शर्मा
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय की मौजूदगी में 17 अक्टूबर शुक्रवार को जगदलपुर में 140 से ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे। नक्सली नेता रूपेश के नेतृत्व में नक्सली 100 से अधिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम नक्सलियों का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत करेंगे।जगदलपुर में ऑफिशियल सरेंडर अनाउंस होगा। पुलिस महकमा इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे विकास कार्यों का परिणाम है।
पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 31 अक्टूबर की रात को प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ आएंगे और एक नवंबर राज्योत्सव के कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री 28, 29, 30 नवंबर को रायपुर में रहेंगे, वे डीजी कॉन्फ्रेंस में भी शिरकत करेंगे।
अबूझमाड़ व उत्तर बस्तर नक्सल-मुक्त घोषित :अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर क्षेत्र अब पूरी तरह नक्सल आतंक से मुक्त हो चुके हैं। कभी नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले इन इलाकों को सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सख्त रणनीति के बाद आज ‘नक्सलमुक्त क्षेत्र’ घोषित किया गया है। शाह ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा,“यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर, जो कभी आतंक के ठिकाने हुआ करते थे, आज नक्सल आतंक से मुक्त घोषित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अब केवल दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद के कुछ अंश शेष हैं, जिन्हें जल्द ही सुरक्षा बल पूरी तरह समाप्त कर देंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण दिन है। आज छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और कल 27 ने अपने हथियार डाले थे। महाराष्ट्र में कल 61 नक्सली मुख्यधारा में लौटे थे। इस तरह दो दिन में 258 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है। श्री शाह ने कहा कि वह हिंसा का मार्ग छोड़ने और देश के संविधान में फिर से आस्था व्यक्त करने के उनके निर्णय की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे इस तथ्य का पता चलता है कि इस समस्या को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अथक प्रयासों से नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।