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Monday, September 15, 2025

BJP का आरोप, संविधान को तार-तार कर रहे CM केजरीवाल

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नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) द्वारा केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैर-संविधानिक बताने पर पलटवार किया है। साथ ही कहा कि वे जिस संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने हैं, वे उसे ही तार-तार कर रहे हैं। केजरीवाल न तो संविधान को पढ़ते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझ पाते हैं। उन्हें सिर्फ जनता के बीच में भ्रम और अराजकता फैलाना आता है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की प्रेसवार्ता सुनने के बाद एक ही निष्कर्ष निकलता है कि वे खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं। भाटिया ने केजरीवाल से पूछा कि भारत सरकार ने एक अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार में कार्यरत अधिकारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर काम करने का अवसर दे रही है तो मुख्यमंत्री केजरीवाल को क्यों परेशानी हो रही है? जबकि यह अध्यादेश जनहित में है।

-BJP ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर किया पलटवार, बोला हमला
– जनता के बीच में भ्रम और अराजकता फैला रहे हैं मुख्यमंत्री : भाटिया
-भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बताया तानाशाह

भाजपा प्रवक्ता (Gaurav Bhatia) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को तानाशाह बताते हुए कहा कि भारतीय संविधान केअनुसार दिल्ली एक यूनियन टैरिटरी है। जनता आपको बताना चाहती है कि दिल्ली भारतीय संविधान से चलेगा, ना कि केजरीवाल के कानून से चलेगा। केजरीवाल सरकार द्वारा जंगलराज फैलाना और संविधान को दरकिनार कर देना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 123 की शक्ति का प्रयोग करते हुए दिल्ली सकार में पदास्थापित अधिकारियों के पोस्टिंग से सम्बंधित एक अध्यादेश लाया है। अनुच्छेद 123 में स्पष्ट लिखा है कि जब संसद नहीं चल रहा है तो काननू के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है और जब संसद चलेगी तो उसके दोनो सदनों में उसे पारित कराया जाएगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल को शायद यह भी जानकारी नहीं है। केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 239 ए, के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली के लिए अध्यादेश जारी किया है, क्योंकि दिल्ली एक यूनियन टेरिटरी है, ना कि पूर्ण राज्य है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में पदाधिकारियों के पदस्थापन के लिए निर्धारित कानून बनाने की जरूरत जतायी गयी थी। केन्द्र सरकार के पास इससे संबंधित कानून बनाने की शक्ति है। जब केन्द्र सरकार कानून लाएगी तो वह केजरीवाल के लिए मान्य होगा, क्योंकि केन्द्र सरकार के तहत ही दिल्ली को चलना है।
भाजपा प्रवक्ता ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ के फैसले को भी नहीं पढ़ा है। वे इस आदेश को शायद इसलिए नहीं पढ़ा होगा कि यह 105 पन्नों का है। संभवत:इस वजह से पढ़ नहीं सके होंगे कि वे शराब के ठेकेदारों के साथ समय बिता रहे होंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने केजरीवाल पर जनता के बीच में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। भाटिया ने कहा कि यह अध्यादेशपूरी तरह से संवैधानिक है। दिल्ली का महत्व भारत और हर भारतीय को ध्यान में रखते हुए अध्यादेश लाया गया है। दिल्ली में संसद भवन, राष्ट्रपति का आवास, सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया, विदेशी दूतावास समेत बड़े-बड़े संस्थानों के कार्यालय हैं।

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