29.1 C
New Delhi
Monday, September 15, 2025

एक राष्ट्र-एक टेंडर पाॅलिसी बनाकर केंद्र सरकार राज्यों को दे कोविड वैक्सीन

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

—केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया खुलासा
— दोनों वैक्सीन कंपनियां कमा रही 16-16 हजार करोड़ मुनाफा
– वैक्सीन बना रहीं दोनों कंपनियों से फार्मूला लेकर दूसरी कंपनियों को साझा किया जाए

नई दिल्ली/ अदिति सिंह : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन की बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने खुलासा किया कि वैक्सीन बना रही दोनों कंपनियां सीरम संस्थान और भारत बायोटेक 16-16 हजार करोड़ रुपए मुनाफा कमा रही हैं। दोनों कंपनियों को मुनाफा कमाने का बहुत ज्यादा अवसर दिया जा रहा है। कोविशील्ड केंद्र सरकार को 150 रुपए में वैक्सीन दे रही है, जबकि राज्य को 300 और प्राइवेट को 400 रुपए में दे रही है। वहीं, कोवैक्सीन इससे भी महंगी कीमत में वैक्सीन दे रही है। जब कंपनी को 150 रुपए में भी फायदा हो रहा है, तो सभी के लिए वैक्सीन की कीमत 150 रुपए ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक टेंडर पाॅलिसी बनाकर केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय बाजार से वैक्सीन खरीद कर सभी राज्य को दे।

यह भी पढें…खुशखबरी, दिल्ली में आक्सीजन की डिमांड घटी, कोरोना संक्रमण की दर में आई कमी

अलग- अलग राज्य को ग्लोबल टेंडर करने से हमारे देश की बदनामी होगी। साथ ही, वैक्सीन बना रहीं दोनों कंपनियों से फार्मूला लेकर दूसरी कंपनियों को साझा किया जाए, ताकि यथा शीघ्र देश की जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बैठक में तीसरा मुद्दा यह उठाया कि वैक्सीन बना रही दोनों कंपनियों कोविशील्ड और कोवैक्सीन को बहुत ज्यादा मुनाफा कमाने का अवसर दिया जा रहा है। कोविशील्ड, केंद्र सरकार को केवल 150 रुपए में वैक्सीन देता है। उनके चेयरमैन ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि उन्हें उसमें भी मुनाफा है। अगर हम मान लेते हैं कि केंद्र सरकार को 150 रुपए में दी जा रही वैक्सीन में कंपनी को 10 रुपए का भी मुनाफा है, तो कोविशील्ड हर महीने 6 करोड़ वैक्सीन बनाती है। अगर आधी वैक्सीन भी केंद्र सरकार को देनी होती है, यानि कि 3 करोड़ वैक्सीन केंद्र सरकार को देनी है, तो कंपनी का मुनाफा करीब 30 करोड़ रुपए हो गया।

यह भी पढें…पंजाब में मेडिकल कॉलेज को मिले 80 वेंटिलेटरों में से 71 खराब

उन्होंने आगे कहा कि कोविशील्ड अब वही वैक्सीन जो केंद्र सरकार को 150 रुपए में देती है, उसे राज्य सरकारों को 300 रुपए में देते हैं। जबकि वैक्सीन की कीमत एक ही होनी चाहिए। कंपनी ने राज्य सरकार को जो 300 रुपए की वैक्सीन दी, उसमें से 160 रुपए का मुनाफा हुआ। इसके अलावा, कंपनी इसी वैक्सीन को प्राइवेट को 400 रुपए में देते हैं। अगर हम वैक्सीन बनाने का कुल लागत 140 रुपए भी मान लें, तो यहां कंपनी को 260 रुपए का फायदा हो रहा है। यानि कंपनी को एक महीने के उत्पादन पर 960 करोड़ रुपए का मुनाफा हो रहा है। इसी तरह कंपनी को औसतन 160 करोड़ रुपए प्रति एक करोड़ वैक्सीन पर मुनाफा हो रहा है।

यह भी पढें…पंजाब में मेडिकल कॉलेज को मिले 80 वेंटिलेटरों में से 71 खराब

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने डाॅ. हर्ष वर्धन से कहा है कि देश के अंदर 18 साल से ज्यादा उम्र के करीब 100 करोड़ लोग हैं। इनके लिए करीब 200 करोड़ वैक्सीन चाहिए। एक कंपनी से करीब 100 करोड़ वैक्सीन लेंगे और दूसरी कंपनी से 100 करोड़ वैक्सीन लेंगे। यानि कि एक कंपनी का कुल मुनाफा करीब 16 हजार करोड़ रुपए बनेगा। यह मैं बहुत कम करके बता रहा हूं। वहीं वैक्सीन बनाने वाली जो दूसरी कंपनी कोवैक्सीन है, वह तो कोविशील्ड से भी महंगे दाम में वैक्सीन दे रही है। कोविशील्ड का दाम का रेट 150, 300 और 400 रुपए है। जबकि कोवैक्सीन का दाम शायद 150, 400 और 600 रुपए है। ऐसे में कोवैक्सीन को कोविशील्ड से भी अधिक मुनाफा होगा।

कंपनी को 150 रुपए में मुनाफा हो रहा है, तो 400- 600 रुपए क्यों

जैन ने बताया कि उन्होंने एक अन्य अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार के लिए वैक्सीन की जो कीमत 150 रुपए रखी गई है, वहीं कीमत सभी के लिए रखी जाए, क्योंकि कंपनी को 150 रुपए में भी मुनाफा है। जब कंपनी को 150 रुपए में भी मुनाफा हो रहा है, तो वैक्सीन की 300, 400 और 600 रुपए कीमत किस लिए है? इसका कोई लॉजिक नहीं बन रहा है। इस आपदा के समय में सिर्फ कंपनी को लाभ देने के लिए इतना बड़ा मौका नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से कहा है कि देश के जितने भी राज्य हैं, उन सभी राज्यों के लिए अगर वैक्सीन विदेशों से खरीदनी पड़ती है, तो केंद्र सरकार एक देश की तरह से सबके लिए खरीद करके दें। दूसरा अनुरोध यह की है कि जो देश में दो कंपनियां है, उनके वैक्सीन बनाने के फार्मूला को बाकी कंपनियों को बांट दिया जाए, ताकि देश में जल्द से जल्द इसका उत्पादन हो सके और बहुत तेजी से सबको वैक्सीन लगाई जा सके।

केंद्र सरकार को सभी राज्यों की तरफ से इकट्ठे खरीदनी चाहिए

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री  सत्येंद्र जैन के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना की वैक्सीन के मुद्दे पर बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने वैक्सीन की किल्लत को दूर करने और दिल्ली समेत सभी देश वासियों को यथा शीघ्र वैक्सीनेशन के संबंध में कुछ मुद्दे उठाए और उनसे उन मुद्दों पर मदद करने का अनुरोध किए। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में उठाए गए मुद्दों को मीडिया के माध्यम से जनता से साझा किया। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि उन्होंने पहला मुद्दा यह उठाया कि जो वैक्सीन विदेशों से खरीदनी है। इस पर मैंने उनसे कहा कि वैक्सीन खरीदने के लिए अलग-अलग राज्य को ग्लोबल टेंडर करने की बजाय केंद्र सरकार को सभी राज्यों की तरफ से इकट्ठे खरीदनी चाहिए। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार के अंदर दिल्ली, यूपी, कर्नाटक, केरल और अलग अलग राज्य जाएंगे, तो इससे हमारे देश की बदनामी होगी। हमें पूरे देश को एक मानते हुए जो भी वैक्सीन खरीदनी है, तो वह केंद्र सरकार को सबके लिए एक साथ खरीदनी चाहिए।

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles