33.9 C
New Delhi
Monday, June 9, 2025

दिल्ली में होगा कोरोना विस्फोट, 5.5 लाख केस बढ़ जाएंगे

—31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी
—30 जून तक एक लाख केस पहुंच जांएगे
—15 जुलाई तक 2 लाख केस हों जाएंगे, 33 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी
—स्टेट डिजाॅस्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी की बैठक में फैसला

नई दिल्ली / टीम डिजिटल : देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना पूरी तरह से फैलना शुरू हो गया है। अब सरकार ने भी मान लिया कि जुलाई में हालात बहुत बिकराल हो जाएंगे। 30 जून तक कोरोना के मरीजों के लिए दिल्ली में 15 हजार बेड की जरूरत होगी। 15 जुलाई तक दिल्ली में 33 हजार बेड की आवश्यकता होगी और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूर होगी। 15 जून तक 44 हजार केस होंगे और करीब 6600 बेड की जरूरत होगी। 30 जून तक एक लाख केस पहुंच जांएगे और करीब 15 हजार बेड की आवश्यकता होगी। इसी तरह, 15 जुलाई तक 2 लाख केस हों जाएंगे और 33 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी, जबकि 31 जुलाई तक करीब 5.5 लाख केस बढ़ जाएंगे और उसके लिए करीब 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी।

दिल्ली के उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने स्टेट डिजाॅस्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी (एसडीएमए) की बैठक के बाद संयुक्त रूप से बयान जारी किया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज एसडीएमए की बैठक हुई। इस बैठक में चर्चा हुई कि दिल्ली में जो कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, उनका स्टेटस क्या है? किस गति से बढ़ रहे हैं? दिल्ली में लगभग 12 से 13 दिन में कोरोना के केस दोगुने हो जा रहे हैं।

इसे भी पढें…महिला IPS अधिकारियों को दी गालियां, विरोध में उतरी नौकरशाही

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह तब है, जब थोड़े दिन पहले तक लाॅकडाउन चल रहा था और अभी तक दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली में जो लोग रहे रहे थे, वही लोग इलाज कराने के लिए आ पा रहे थे। अगले कुछ दिनों में 15 हजार, 33 हजार और जुलाई के अंत तक 80 हजार बेड की आवश्यकता होगी। इसीलिए दिल्ली कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि जब तक कोविड-19 की परेशानी है, तब तक के लिए दिल्ली में जो लोग रह रहे हैं, उनके लिए ही बेड को रिजर्व करके रखा जाए, लेकिन कल एलजी साहब ने दिल्ली कैबिनेट के फैसले को पलट दिया था।

दिल्ली में बहुत तेजी से बढ़ रहा है कोरोना

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में बहुत बड़ी संख्या में केस आ रहे हैं और उनके संपर्क (कंटेक्ट) का पता नहीं लग रहा है। कई स्थानों पर हमने ट्रेस कराया, तो कई सारे लोग निकले थे और उनका स्रोत नहीं पता चल पाया। दिल्ली के अंदर हम अब टेक्निकलल्टी में न जाएं। कल एम्स के डाॅयरेक्टर ने खुद कहा था कि दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में सामुदायिक फैलाव है। परंतु यह टेक्निकल मसला है और इसके बारे में फैसला केंद्र सरकार ही कर सकती है और वही बता सकते हैं कि सामुदायिक फैलाव है या नहीं है। हम तो कह सकते हैं कि दिल्ली में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अब उस पर सामुदायिक फैलाव शब्द के इस्तेमाल का अधिकारी केंद्र सरकार के पास है।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 70 प्रतिशत लोग बाहर के : स्वास्थ्य मंत्री 

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली के अंदर प्राइवेट अस्पतालों में 50 प्रतिशत लोग बाहर से इलाज कराने के लिए आते हैं और दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पतालों में 70 प्रतिशत लोग बाहर के होते हैं। अभी जब लाॅकडाउन था, दिल्ली के सभी अस्पतालों (प्राइवेट और सरकारी) में औसतन 10 प्रतिशत से भी कम लोग बाहर के थे। बहुत सारी प्लान सर्जरी (पहले से योजना बना कर सर्जरी कराने वाले) लाॅकडाउन के दौरान दो महीने के लिए स्थगित हुई थी। इस तरह की सर्जरी अभी एक-दो महीने के लिए और स्थगित हो सकती थी और इसकी वजह से दिल्ली में बड़ी संख्या में बेड मिल सकते थे। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई तक सिर्फ दिल्ली वालों के लिए 80 हजार बेड चाहिए। इसमें बाहरी राज्यों के लोग शामिल नहीं है। जब इतनी बड़ी संख्या में दिल्ली के लोगों को ही बेड चाहिए, तो जो प्लान सर्जरी हैं, वह कम से कम होंगे, तभी बेड मिल पाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles