गांधीनगर। गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत काम करने वाली गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (GUJCOST) विश्व ओजोन दिवस के मौके पर एक खास जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। यह कार्यक्रम 16 सितंबर 2025 को गांधीनगर के सेक्टर-15 स्थित गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में होगा। विश्व ओजोन दिवस पर फोकस करते हुए यह इवेंट ओजोन परत की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देगा।
कार्यक्रम में क्या होगा खास?
इस जागरूकता कार्यक्रम में 200 से ज्यादा छात्र हिस्सा लेंगे। सुबह 9:30 बजे शुरू होने वाला यह इवेंट इंटरैक्टिव सेशन, विशेषज्ञों के लेक्चर और छात्रों की एक्टिविटीज से भरा होगा। यहां ओजोन परत की भूमिका, जलवायु स्थिरता से इसका कनेक्शन और पर्यावरण-अनुकूल आदतें जैसे टॉपिक्स पर चर्चा होगी। छात्रों को ओजोन डिप्लेशन के खतरे समझाने के लिए आसान और मजेदार तरीके अपनाए जाएंगे, ताकि युवा पीढ़ी पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित हो।
प्रमुख वक्ता और आकर्षक गतिविधियां
कार्यक्रम में कई बड़े नाम शामिल होंगे। इनमें गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, गांधीनगर के प्रिंसिपल डॉ. डी.पी. पटेल, एम.एन. शुकुला कॉलेज, अहमदाबाद के प्रिंसिपल डॉ. संजय ठक्कर, फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी, अहमदाबाद के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एस. रामचंद्रन और GUJCOST के एडवाइजर व मेंबर सेक्रेटरी डॉ. नरोत्तम साहू शामिल हैं।
खास तौर पर, एम.एन. शुकुला कॉलेज के छात्र “होल स्टोरी” नाम का एक नाटक पेश करेंगे, जो ओजोन परत के छेद के कारणों और असर को दिखाएगा। इसके अलावा, ओजोन जागरूकता क्विज भी होगी, जो छात्रों को मजेदार तरीके से नई जानकारी देगी। कार्यक्रम के अंत में सभी लोग ओजोन प्लेज लेंगे, जिसमें पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाने, ओजोन-नष्ट करने वाले पदार्थों को कम करने और अपने आसपास जागरूकता फैलाने का वादा होगा।
GUJCOST की भूमिका और व्यापक पहुंच
यह कार्यक्रम गुजरात के सभी डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी साइंस सेंटर्स और पूरे भारत के पार्टनर साइंस एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल्स पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दिखाया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ सकें। GUJCOST का कहना है कि यह इवेंट वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास है।
GUJCOST गुजरात में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेशन को बढ़ावा देने वाली नोडल एजेंसी है। यह सरकार को S&T पॉलिसी पर सलाह देती है, रीजनल और कम्युनिटी साइंस सेंटर्स के जरिए साइंस को पॉपुलर बनाती है, जागरूकता कार्यक्रम चलाती है और छात्रों-नागरिकों में वैज्ञानिक साक्षरता फैलाती है। यह रिसर्च को फंडिंग देती है, इनोवेशन को सपोर्ट करती है, STEM एजुकेशन को प्रमोट करती है और स्पेस साइंस, डिजिटल टेक्नोलॉजी, पर्यावरण व हेल्थ जैसे क्षेत्रों में काम करती है। अकादमिक संस्थानों, इनोवेटर्स और सरकार को जोड़कर यह राज्य के विकास और सस्टेनेबल ग्रोथ में योगदान देती है।
विश्व ओजोन दिवस 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की याद दिलाता है, जो ओजोन-नष्ट करने वाले पदार्थों जैसे CFC को हटाने वाला ऐतिहासिक समझौता था। इससे पृथ्वी पर जीवन की रक्षा हुई। ऐसे कार्यक्रमों से हम सब मिलकर ओजोन परत संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता को मजबूत बना सकते हैं।
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