30.1 C
New Delhi
Sunday, September 14, 2025

CM नायब सैनी का अधिकारियों को हुक्म, यमुना में न डाला जाए सीवेज का पानी

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

चंडीगढ़ /अदिति सिंह : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Naib Singh Saini) ने आगामी मानसून के मौसम में राज्य में जलभराव रोकने के लिए सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया हैं कि वे अपने क्षेत्रों में नालों की सफाई और नहरों की डिसिल्टिंग करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा, उपायुक्त बाढ़ नियंत्रण के लिए चल रही परियोजनाओं की निरंतर समीक्षा करें और समयबद्ध तरीके से उन परियोजनाओं को पूरा करवाना सुनिश्चित करें। यदि किसी परियोजना में कोई कमी पाई जाती है या परियोजना में किसी प्रकार की देरी होती है, तो उपायुक्त संबंधित अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 56वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भी उपस्थित रही।

-मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की हाई लेवल बैठक 
-मानसून से पहले नालों और नहरों की सफाई करें सुनिश्चित
—बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं की समीक्षा करें उपायुक्त
– परियोजना में कोई कमी पाए जाने या देरी होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ करें कार्रवाई
— हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 56वीं बैठक की अध्यक्षता

नायब सिंह सैनी ने राज्यभर में स्टोन स्टड, स्टोन स्टीनिंग, नालों की रीमॉडलिंग, स्थायी पंप हाउसों के निर्माण, निचले इलाकों में पाइपलाइन बिछाने और बाढ़ के पानी को नालों में गिराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नदी के जो तटबंध गांवों की तरफ लगते हैं, उन तटबंधों की मजबूती पुख्ता की जाए। इसके अलावा, भूमि कटाव को रोकने के लिए पत्थर के स्टड बनाएं जाएं। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में बनाए गए स्टोन स्टड की समीक्षा करने के आदेश दिए ताकि जरूरत के अनुसार समय पर मरम्मत की जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाना चाहिए और संबंधित उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में सभी स्टड का सर्वेक्षण करना चाहिए और यदि कोई लापरवाही पाई जाती है, तो दोषी ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

यमुना में न डाला जाए सीवेज का पानी

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि यमुना नदी में सीवेज का पानी या प्रदूषित नाला नहीं गिरना चाहिए क्योंकि यमुना को साफ करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें सीवेज के पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत है। उन्होंने विशेष रूप से पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करें ताकि प्रदूषित पानी को यमुना में जाने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने यमुना नदी को स्थायी रूप से साफ करने के लिए हरियाणा की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने अधिकारियों को रेवाड़ी के मसानी बैराज में 6 एसटीपी के कामकाज की निगरानी करने और उनके रखरखाव को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

सिंचाई जल का समान वितरण किया जाए

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सिंचाई के लिए उपलब्ध पानी का समान व समुचित वितरण सुनिश्चित किया जाए ताकि किसानों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी स्त्रोंतों से उपलब्ध जल का प्रबंधन सही ढंग से करते हुए प्रदेश के हर इलाके में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी बड़ी नहरों की सफाई और पुरानी नहरों की मरम्मत करने व रिमॉडलिंग करने के भी निर्देश दिए। ऐसी परियोजनाओं की प्राथमिकता सूची बनाई जाए और सभी लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि नहरों का सफाई अभियान वार्षिक आधार पर चलाए जाने चाहिएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। पेयजल आपूर्ति के लिए जलाशयों की सफाई, रॉ वाटर की आपूर्ति, टैंकर्स की आवश्यक संख्या आदि के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।

बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ रुपये की 352 योजनाएं स्वीकृत

हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ रुपये (स्टेट हेड + एचडब्ल्यूआरए फंड) की 352 योजनाओं को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अल्पावधि योजनाओं के साथ-साथ पंपों की खरीद को भी तुरंत शुरू किया जाए और 30 जून से पहले उन्हें समय पर पूरा करना सुनिश्चित किया जाए। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित मध्यम एवं दीर्घकालिक योजनाओं को इस वर्ष मई में होने वाली बाढ़ पूर्व समीक्षा बैठक के बाद शुरू किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए 619 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 302 योजनाओं पर काम चल रहा है। बैठक में हाई-सबसर्फेस वाटर लेवल (एसएसडब्ल्यूएल) वाले स्थायी जलभराव वाले क्षेत्रों में बाढ़ के पानी की निकासी के लिए विभिन्न प्रकार के पंप, मोटर, पैनल आदि की खरीद और पाइपलाइन बिछाने की भी समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने बाढ़ नियंत्रण के लिए अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक परियोजनाओं के संबंध में सभी उपायुक्तों से जिलावार रिपोर्ट भी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारी कुशलता से काम करें और सुनिश्चित करें कि ये परियोजनाएं निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरी हों।

फसल विविधीकरण के लिए किसानों को करें जागरूक

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाएं और उन्हें धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलों की खेती करने की बजाय अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त, राजस्व डॉ सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरूण कुमार गुप्ता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग अग्रवाल और हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles