—सूचना विभाग के नये भवन ‘पं0 दीन दयाल उपाध्याय सूचना परिसर’ का लोकार्पण
लखनऊ/दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र की ताकत संवाद है। लोकतंत्र को इसीलिए शासन की सबसे अच्छी प्रणाली माना जाता है, क्योंकि संवाद के माध्यम से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान सम्भव है। संवाद के माध्यम से संघर्ष को टाला जा सकता है। मीडिया संवाद का सशक्त माध्यम है। इस माध्यम को और सुदृढ़ किये जाने की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत उन्होंने नवनिर्मित पं0 दीन दयाल उपाध्याय सूचना परिसर में मीडिया कर्मियों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराने पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के मीडिया कर्मियों को 05 लाख रुपये तक के उपचार हेतु स्वास्थ्य बीमा तथा कोविड-19 के संक्रमण से दुर्भाग्यवश निधन की स्थिति में दिवंगत मीडिया कर्मी के आश्रितों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।
'अंत्योदय' दर्शन के शिल्पकार श्रद्धेय पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर नवनिर्मित 'पं. दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर, लखनऊ' का लोकार्पण… https://t.co/jetjCWJvpo
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 25, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह विचार आज यहां पं0 दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के नवनिर्मित भवन ‘पं0 दीन दयाल उपाध्याय सूचना परिसर’ के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कार्याें को आमजन तक पहुंचाने का कार्य सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा किया जाता है। यह विभाग शासन व प्रशासन तथा आमजन के बीच में सेतु का कार्य करता है। सूचना विभाग का दायित्व है कि शासन की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाए, जिससे अधिक से अधिक प्रदेशवासी उनसे लाभान्वित हो सकें। महान देशभक्त और अन्त्योदय के प्रणेता के नाम पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के नवीन भवन का नामकरण किये जाने के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह भवन पं0 दीन दयाल उपाध्याय की भावना और व्यक्तित्व के अनुरूप है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की लोकल को वोकल की संकल्पना के अनुसार स्थानीय उत्पादों की ब्राॅण्डिंग की जानी चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए इस नवनिर्मित भवन में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के उत्पादों को डिस्प्ले किया जाना चाहिए। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना आत्मनिर्भर भारत पैकेज का आधार बन सकती है। उन्होंने कहा कि लोक भवन में ओ0डी0ओ0पी0 के उत्पादों को डिस्प्ले किया गया है। राज्य सरकार के सभी भवनों में इस तरह के डिस्प्ले की व्यवस्था की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को इस नवीन भवन के निर्माण के लिए भूमि निःशुल्क शिक्षा विभाग से प्राप्त हुई है। सूचना विभाग द्वारा भी अपना पुराना भवन डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय के विस्तार के लिए स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय के विस्तार से जनपद लखनऊ सहित प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोई व्यक्ति जैसे परिवेश में रहता है, वैसी ही उसकी सोच भी होती है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की संकल्पना अन्त्योदय की थी। पं0 दीन दयाल उपाध्याय ने आदि शंकराचार्य के सम्बन्ध में लिखा है कि वह एक संन्यासी थे। उन्होंने अपने मोक्ष के लिए संन्यास धारण किया था, लेकिन लोकमंगल के लिए चार धामों की स्थापना की। आदि शंकराचार्य के सम्बन्ध में ही एक कथा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लोकमंगल के कार्याें के निष्पादन के लिए संवेदनशीलता सर्वाधिक आवश्यक है। आखिरी पायदान के व्यक्ति के प्रति संवेदनशीलता से ही पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय के स्वप्न साकार किये जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश का हर गरीब, किसान, नौजवान, महिला इस बात से खुश हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके सपनों को मूर्तरूप देने के लिए प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को आवास, बिजली का कनेक्शन, गैस की सुविधा, जनधन खाते की सुविधा, शौचालय की सुविधा जैसी जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाली सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं। यह प्रधानमंत्री जी की गरीब और आखिरी पायदान के व्यक्ति के लिए गहरी संवेदनशीलता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही सम्भव हुआ है।