34.1 C
New Delhi
Monday, September 15, 2025

UP में पीकू और नीकू की स्थापना की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूरे किए
-बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की अगली कक्षा में प्रोन्नति के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए
-मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से सभी जनपदों में वरिष्ठ नागरिकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी जाए

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसके दृष्टिगत कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए। लोगों को संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में निरन्तर जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 32 नए मामले सामने आये हैं। इसी अवधि में 48 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 712 है। पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में कुल 2,51,265 कोरोना टेस्ट किये गये। राज्य में अब तक कुल 06 करोड़ 55 लाख 02 हजार 631 कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।

UP: एम्बुलेंस नहीं मिलने से किसी की हुई असमय मौत, तो होगी कड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जनपद अलीगढ़, अमरोहा, एटा, हाथरस, कासगंज, कौशाम्बी, महोबा, मुरादाबाद तथा श्रावस्ती में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। पिछले 24 घण्टों में 55 जनपदों में संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला। जबकि 20 जनपदों में इकाई अंक में कोरोना संक्रमण के मामले प्रकाश में आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मरीज की आवश्यकता पर तत्काल एम्बुलंेस की सुविधा मिले। इसके लिए सभी जिलाधिकारी द्वारा अपने-अपने जनपद में एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्था की नियमित मॉनीटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता की स्थिति में यदि किसी की मृत्यु होती है, तो सेवा प्रदाता के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में वैक्सीनेशन एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। उन्होंने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए। सभी वैक्सीनेशन सेण्टर पर पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की उपलब्धता रहे। कोविड वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत दिवस तक प्रदेश में कुल 04 करोड़ 76 लाख 08 हजार 920 कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर की सम्भावना के दृष्टिगत सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि पीकू और नीकू की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक मेडिकल कॉलेजों में 6,572 पीकू व नीकू के बेड तैयार कर लिये गए हैं।

गुरुद्वारा कमेटी के कर्मचारियों का वेतन न देने पर कोर्ट ने लगाई फटकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूरे किए जाएं। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए अब तक 6,572 हेक्टेयर भूमि क्रय की जा चुकी है, जो 90 प्रतिशत से अधिक है। भूमि क्रय हेतु 6,189 करोड़ रुपए का भुगतान किया चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया  निर्विवाद ढंग से सम्पन्न हुई है। इसके लिए स्थानीय किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही है। उन्होंने कहा कि अवशेष कार्यों को भी तेजी से पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की अगली कक्षा मंे प्रोन्नति के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नवीन सत्र के संचालन के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से सभी जनपदों में वरिष्ठ नागरिकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी जाए तथा आवश्यकतानुसार उनकी मदद की जाए। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी इस कार्य से जोड़ा जाए।

गुरुद्वारा कमेटी के कर्मचारियों का वेतन न देने पर कोर्ट ने लगाई फटकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि गो-आश्रय स्थलों को सुचारु एवं व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाए। गायों के लिए चारे, पेयजल आदि आवश्यक व्यवस्था बनी रहे। हरा चारा एवं चोकर भी दिया जाए। निराश्रित गोवंश की उचित ढंग से देखभाल की जाए। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गो-आश्रय स्थलों का सघन निरीक्षण किया जाए।

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles