Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खतरनाक आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ शाह सुलेमान को भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) के तहत सुरक्षाबलों ने हाशिम मूसा (Hashim Musa) के साथ दो अन्य आतंकियों, अबू हमज़ा और मोहम्मद यासिर, को भी मार गिराया। यह कार्रवाई दक्षिण कश्मीर के जंगलों में की गई, जहां से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए। आइए जानते हैं कि हाशिम मूसा कितना खतरनाक आतंकी था और इस ऑपरेशन की पूरी कहानी क्या है।
हाशिम मूसा: पाकिस्तानी सेना का प्रशिक्षित आतंकी
हाशिम मूसा (Hashim Musa) कोई आम आतंकी नहीं था। उसने पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में पैरा कमांडो के रूप में ट्रेनिंग ली थी। इस ट्रेनिंग ने उसे जंगलों में रहने और मुश्किल हालात में सर्वाइव करने का मास्टर बना दिया था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, मूसा ने इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया। सितंबर 2023 में वह भारत में घुसा और दक्षिण कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने लगा।
मूसा की खतरनाक हरकतों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह कम से कम छह आतंकी हमलों में शामिल रहा। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसकी अगुआई में हुए हमलों ने कई बेगुनाहों की जान ली और सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचाया।
पहलगाम हमला: 26 लोगों की मौत का जिम्मेदार
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए खूनी आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले का मास्टरमाइंड (Hashim Musa) को बताया। मूसा ने इस हमले को इतनी चालाकी से अंजाम दिया कि सुरक्षाबलों को उसकी तलाश में महीनों तक जंगलों में ऑपरेशन चलाना पड़ा।
इसके अलावा, हाशिम मूसा (Hashim Musa) अक्टूबर 2024 में गांदरबल में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सात नागरिक मारे गए थे। बारामूला में हुए एक अन्य हमले में चार सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इन सभी घटनाओं ने हाशिम मूसा को भारत के लिए एक बड़ा खतरा बना दिया था।
ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev): आतंकियों का सफाया
जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) के तहत सुरक्षाबलों ने हाशिम मूसा (Hashim Musa), अबू हमज़ा और मोहम्मद यासिर को मार गिराया। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को भारी सफलता मिली। मुठभेड़ स्थल से अमेरिका में बनी कार्बाइन, AK-47 राइफल, 17 राइफल ग्रेनेड और अन्य हथियार बरामद किए गए। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि ये आतंकी किसी और बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे।
ऑपरेशन अभी भी जारी है और दक्षिण कश्मीर के जंगलों में सघन तलाशी अभियान चल रहा है। सुरक्षाबल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई और आतंकी छिपा न हो।
हाशिम मूसा (Hashim Musa) की खतरनाक ट्रेनिंग और मॉड्यूल
हाशिम मूसा (Hashim Musa) की ट्रेनिंग और उसका मॉड्यूल इतना खतरनाक था कि वह आसानी से सुरक्षाबलों की नजरों से बच निकलता था। उसकी SSG ट्रेनिंग ने उसे जंगलों में लंबे समय तक छिपने और मुश्किल हालात में जिंदा रहने की काबिलियत दी थी। वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक अहम कमांडर था और उसने कई आतंकी मॉड्यूल्स को लीड किया।
संसद में बहस और सेना की कार्रवाई
जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बहस चल रही थी, उसी समय जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) के तहत आतंकियों का सफाया कर रहे थे। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय सुरक्षाबल आतंकवाद के खिलाफ कितने सख्त और तैयार हैं।
आगे क्या?
सुरक्षा एजेंसियां अब भी अलर्ट पर हैं। उन्हें आशंका है कि लश्कर-ए-तैयबा के अन्य आतंकी मॉड्यूल्स सक्रिय हो सकते हैं। दक्षिण कश्मीर में तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षाबल हर संभावित खतरे को खत्म करने के लिए तैयार हैं।
यह ऑपरेशन न केवल पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा देने में कामयाब रहा, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा।
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