26 C
New Delhi
Monday, October 13, 2025

CM योगी ने की बाढ़, जलभराव एवं राहत कार्यों की समीक्षा, दिए निर्देश, किया अलर्ट

-Advertisement-
-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

लखनऊ/विनोद मिश्रा: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath )ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तेज बारिश के बाद जनहित के दृष्टिगत किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है। सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड में रहें।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद CM ने किया अधिकारियों को अलर्ट
– जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर बनाएं कार्ययोजना
-24 जनपदों में अब तक हो चुकी है सामान्य से अधिक वर्षा
*–धान की रोपाई की प्रगति अनुश्रवण के लिए बनाएं डिजिटल प्लेटफार्म: मुख्यमंत्री*
-मुख्यमंत्री का निर्देश, न हो यूरिया का अभाव, हर गांव में रेन गेज़ लगाए जाने की कार्यवाही करें तेज

- Advertisement -

CM ने कहा कि। इस वर्ष अब तक 24 जनपदों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है, जबकि 31 जिलों में औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है। हालांकि मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई माह में इन जिलों में भी अच्छी वर्षा होने की संभावना है। मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि

 विगत कुछ दिनों में आकाशीय बिजली से कई स्थानों पर जन-धन की हानि की दुःखद सूचना मिली है। ऐसे पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए। इस वर्ष पूर्वी उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ ज्यादा हो रही हैं। आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान (अर्ली वार्निंग सिस्टम) की बेहतर प्रणाली का विकास जरूरी है। जनहानि/पशुहानि को न्यूनतम रखने के लिए यह जरूरी है। हर गांव में रेन गेज़ लगाए जाने की कार्यवाही में भारत सरकार भी सहयोग कर रही है, इस कार्य को तेजी के साथ पूरा किया जाए। राजस्व एवं राहत, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से संवाद-संपर्क बनाएं और ऐसी प्रणाली का विकास करें, जिससे आम जन को समय से मौसम की सटीक जानकारी मिल सके।

● बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई है। इसी तरह, सभी नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए।

● हमें बाढ़ के साथ-साथ जलभराव के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करना होगा। जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी एवं पुलिस की संयुक्त टीम जलभराव से बचाव के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार व्यवस्था करे जिलाधिकारी, क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगरीय निकाय के चेयरमैन/अध्यक्ष के साथ संवाद कर जलभराव के समाधान के आवश्यक कार्यवाही की जाए।

● यह सुखद है कि इस वर्ष सभी जिलों में धान की रोपाई सामान्य रूप से चल रही है। अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार 58.5 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष तक 18 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी है। धान की रोपाई की प्रगति के अनुश्रवण के लिए डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया जाए, ताकि जिलावार रोपाई की सटीक स्थिति समय पर पता चल सके।

● समस्त अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी, सहायक अभियन्ता स्तर के नामित किए जा चुके हैं, यह 24×7 अलर्ट मोड में रहें। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत् निगरानी की जाती रहे। बारिश के शुरुआती दिनों में रैटहोल/रेनकट की स्थिति पर नजर रखें। तटबंधों की पेट्रोलिंग लगातार की जाए।

◆ नौकाएं, राहत सामग्री, पेट्रोमैक्स आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़/अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।

● यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी यूरिया की किल्लत/कृत्रिम अभाव कतई न हो। किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया उपलब्ध हो।

● बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनेगी, वहां आवश्यकतानुसार पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। इसके लिए जनपदों की स्थिति को देखते हुए स्थान का चयन कर लिया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

-Advertisement-

Latest Articles