अयोध्या,11 अक्टूबर। रामनगरी अयोध्या इस वर्ष एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रकाश फैलाने जा रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में इस बार नौवां दीपोत्सव 2025 अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। सरयू तट के 56 घाटों पर लगभग 26 लाख दीपों के प्रज्वलन के लिए 28 लाख दिए बिछाए जाएंगे, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा।
इस वर्ष आयोजन की विशेषता यह है कि पहली बार लक्ष्मण किला घाट को दीपोत्सव में शामिल किया गया है। अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को देगा वैश्विक स्वरूप यह दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिकता और विश्वबंधुत्व का सशक्त प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह आयोजन न केवल अयोध्या के विकास और राम मंदिर निर्माण के विज़न को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु और देश-विदेश से आए पर्यटक रामनगरी की इस दिव्य आभा के साक्षी बनेंगे।
लक्ष्मण किला घाट पर पहली बार सवा चार लाख दीप प्रज्वलित होंगे। राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह घाट पर करीब साढ़े चार लाख दीप जलाए जाएंगे। भजन संध्या घाट पर साढ़े पांच लाख दीपों की रौशनी से सरयू तट अलौकिक चमक में नहाएगा। मुख्य आकर्षण राम की पैड़ी रहेगी, जहां 15 से 16 लाख दीपों की अविरल ज्योति से पूरा घाट जगमगा उठेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीप प्रज्ज्वलित कर इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे और ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाएगा।
-लक्ष्मण किला घाट पहली बार बना दीपोत्सव का आकर्षण केंद्र
-योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या का दीपोत्सव बनेगा सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक
-22 समितियाँ जुटीं युद्धस्तर पर तैयारियों में, सरयू तट होगा दिव्य आलोकित
-दीपोत्सव से अयोध्या की आस्था और संस्कृति पहुंचेगी विश्व पटल पर
बीते वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। इस बार लक्ष्य है उस रिकॉर्ड को और आगे बढ़ाना 28 लाख दीपों का नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का। इसके लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की टीमें युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। दीपों की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था, सांस्कृतिक मंचन, और पर्यटकों के स्वागत की रूपरेखा बारीकी से तैयार की जा रही है।
नौवां दीपोत्सव अयोध्या में आयोजित होगा। 33 लाख दीपों की कुल व्यवस्था। 75 हजार लीटर तेल की जरूरत होगी। 55 लाख रुई बत्तियाँ तैयार की जा रही हैं। 30 हजार स्वयंसेवकों को टोपी व टीशर्ट वितरित होंगी। 28 लाख दीप बिछाकर नया विश्व रिकॉर्ड रचा जाएगा।
डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र के निर्देशन में 22 समितियाँ गठित की हैं, जो दीपोत्सव के प्रत्येक पहलू की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इनमें प्रमुख समितियाँ हैं। समन्वय समिति, अनुशासन समिति,सुरक्षा समिति, दीप गणना समिति, यातायात समिति, स्वच्छता समिति, मीडिया एवं फोटोग्राफी समिति, प्राथमिक चिकित्सा समिति, साज-सज्जा एवं रंगोली समिति,वालंटियर व आईकार्ड समिति, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण समिति, सभी समितियों के संयोजक, सह-संयोजक एवं सदस्य दिन-रात अयोध्या को दिव्य स्वरूप देने के अभियान में लगे हुए हैं।
अयोध्या दीपोत्सव का आध्यात्मिक और राष्ट्रीय महत्व
अयोध्या दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहींयह ‘रामराज्य’ के आदर्शों का स्मरण, भारतीय संस्कृति की एकता का प्रतीक और विश्व को शांति का संदेश देने वाला अवसर है। यह आयोजन अयोध्या को केवल एक शहर नहीं, बल्कि “विश्व सांस्कृतिक राजधानी” के रूप में स्थापित करता है। दीपों की यह ज्योति केवल सरयू किनारे नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष और विश्व के हृदय में आस्था, एकता और आशा की लौ जलाएगी।
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Women Express पर. Hindi News और India News in Hindi से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।