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Thursday, August 28, 2025

लखनऊ में महिला सुरक्षा और सम्मानजनक रोजगार के लिए सड़क पर उतरीं विधायक पल्लवी पटेल

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लखनऊ, 23 अगस्त – प्रदेश की राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, और सम्मानजनक रोजगार की मांग को लेकर सोमवार को बड़ा प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन सिराथू विधानसभा क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक डॉ. पल्लवी पटेल के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरकर अपना संदेश पहुंचाया। जनता में महिलाओं की आवाज़ को सुनने और उनकी चिंताओं को हल करने की मांग तेज हो गई है।

लखनऊ भारी संख्या में महिलाएं जुटीं, अपने अधिकारों के लिए नारेबाजी और प्रदर्शन

बर्लिंगटन चौराहे पर आयोजित इस प्रदर्शन में महिलाओं ने बड़े ही जोश के साथ भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने “हर महिला को सुरक्षा और आजादी दो”, “सम्मानजनक रोजगार दो”, “केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा चाहिए”, और “महंगाई पर रोक लगाओ” जैसे नारे लगाए। महिलाएं अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद कर रही थीं। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सिर्फ आंदोलन करना ही नहीं बल्कि सरकार को उनकी मांगे समझाने का भी था।

जैसे ही यह जुलूस विधान भवन की ओर बढ़ने लगा, प्रशासन ने इसे रोकने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बैरीकेडिंग लगा दी। पर कुछ कार्यकर्ता अपने अधिकारों का प्रदर्शन करने में पीछे नहीं हटे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। बात बढ़ते-बढ़ते तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच गई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर बसों में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया।

डॉ. पल्लवी पटेल ने किया 23 अगस्त को असाधारण इतिहास का जिक्र

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने कहा कि 23 अगस्त का दिन उनके लिए खास है। उन्होंने बताया कि 1999 में इसी दिन इलाहाबाद के पीडी. टंडन पार्क में उनका दल (अपना दल) के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल पर हुए लाठीचार्ज और आत्मघाती हमले को याद करते हुए कहा कि यह दिन एक “दूसरी आजादी की पहली क्रांति दिवस” के रूप में मनाया जाना चाहिए।

उन्हें उम्मीद है कि आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। उनका कहना है कि समाज में सच में बदलाव तभी आएगा जब महिलाएं, किसान, मजदूर, और पिछड़े वर्ग के लोग समान रूप से भागीदारी करेंगे। हमें यह समझना जरूरी है कि सामाजिक न्याय और समान भागीदारी ही सभी वर्गों के हितों की रक्षा कर सकती है।

जरूरी हैं कठोर कदम, केंद्र और राज्य सरकार को तुरंत करनी चाहिए जातिवार जनगणना की घोषणा

डॉ. पटेल ने कहा कि सरकार को तुरंत जातिवार जनगणना की तिथि घोषित करनी चाहिए। इससे समाज के वंचित वर्गों को न्याय मिल सकेगा और उनके हितों का संबंध सही तरीके से समझा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जो आबादी के अनुपात में महिलाओं और पिछड़े वर्ग को स्थान दें। तभी समाज में असमानता कम होगी।

उन्हें यह भी चिंता है कि किसानों और मजदूरों की महिलाएं अभी भी छुट्टा जानवरों से परेशान हैं। उन्हें खेती और पशुपालन में सहायता चाहिए। साथ ही, खेती की रक्षा करना और खाद-बीज की कालाबाजारी को रोकना भी जरूरी है ताकि किसानों का नुकसान न हो।

डॉ. सोनेलाल पटेल की हत्या की सीबीआई जांच की मांग

प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि उन्हें अपने नेता डॉ. सोनेलाल पटेल की हत्या की सीबीआई जांच कराई जाए। उनका मानना है कि इससे सही सच्चाई का पता चलेगा। इस तरह का कदम समाज में न्याय और विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।

यह प्रदर्शन केवल एक सभा नहीं बल्कि महिलाओं, किसानों, मजदूर और पिछड़े वर्गों की आवाज़ को सामने लाने का एक माध्यम है। ये सभी वर्ग आज भी अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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