33.1 C
New Delhi
Saturday, July 27, 2024

अविवाहित लड़कियों को भी गर्भपात का अधिकार, सुप्रीम फैसला

नई दिल्ली /प्रज्ञा शर्मा । सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को अपने एक अहम फैसले में कहा कि एक अविवाहित महिला को भी विवाहित महिला की तरह गर्भपात का अधिकार है। इसी के साथ उसने एक अविवाहिता को 24 सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति प्रदान कर दी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला को गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी थी। इस पर महिला ने याचिका दायर कर शीर्ष कोर्ट का सहारा लिया था। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ पर आधारित पीठ ने कहा कि एक अविवाहित महिला को अनचाहे गर्भ का शिकार होने देना मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम के उद्देश्य और भावना के विपरीत होगा।

—24 सप्ताह का भ्रूण गिराने की दी अनुमति
—गर्भपात से महिला के जीवन को कोई खतरा तो नहीं होगा
—सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला बदला

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कहा कि 2021 के संशोधन के बाद, मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी एक्ट की धारा-तीन में पति के बजाय पार्टनर शब्द का उपयोग किया गया है। यह अधिनियम में अविवाहित महिलाओं को कवर करने के लिए विधायी मंशा को दर्शाता है। साथ ही कोर्ट ने एम्स निदेशक को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने के लिए कहा जो यह देखेगा कि गर्भपात से महिला के जीवन को कोई खतरा तो नहीं होगा।
महिला ने मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी रूल्स, 2003 के नियम-3 बी को चुनौती दी थी जोकि केवल कुछ श्रेणियों की महिलाओं को 20 से 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देता है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को केवल इस आधार पर लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए कि वह अविवाहित महिला है। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने अनुचित प्रतिबंधात्मक दृष्टिकोण अपनाया है।

अविवाहित लड़कियों को भी गर्भपात का अधिकार, सुप्रीम फैसला
गौरतलब है कि 16 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग वाली अविवाहित मणिपुरी महिला की याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि गर्भ सहमति से धारण किया गया है और यह स्पष्ट रूप से मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी रूल्स, 2003 के तहत किसी भी खंड में शामिल नहीं है। महिला ने अपनी याचिका में कहा कि वह बच्चे को जन्म नहीं दे सकती क्योंकि वह एक अविवाहित महिला है और उसके साथी ने उससे शादी करने से मना कर दिया है। इसमें आगे कहा गया कि अविवाहित तौर पर बच्चे को जन्म देने से उसका बहिष्कार होगा और साथ ही मानसिक पीड़ा भी होगी।

 

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles