लखनऊ/ नेशनल ब्यूरो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर के जिला अस्पताल में बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों का अन्नप्राशन किया और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार एवं फल प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने अभियान के सम्बन्ध में जागरूकता के लिए आयोजित मोटर रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ भारत अभियान, सशक्त भारत अभियान का हिस्सा है। इसे लेकर सभी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और आमजन को सरकार के कार्यक्रमों से जुड़ना होगा। सब लोग एक साथ सामूहिक रूप से जुड़ेंगे तो इसके सफल व सार्थक परिणाम आएंगे। सामूहिकता के भाव से ही हमने 40 साल तक मासूमों पर कहर बरपाने वाली इंसेफेलाइटिस पर पूरी तरह नियंत्रण पाया है, वैश्विक महामारी कोरोना को काबू में कर पूरी दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।
—पोलियो अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक बीमारी समाप्त नहीं हो जाती
—जागरूकता के लिए मोटर रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 12 वर्ष पूर्व ही पोलियो की समस्या पर समाधान प्राप्त कर लिया है, परन्तु इन 12 वर्षों में कुछ देशों में पोलियो के मामले सामने आए हैं। बीमारी संक्रामक होने के नाते जब तक वायरस दुनिया से समाप्त नहीं हो जाता, तब तक खतरा बना रहता है। इसलिए पूरी दुनिया में पोलियो उन्मूलन होने तक हमें सार्थक प्रयास करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि जरा सोचिए, पोलियो की चपेट में जो बच्चे जिंदगी भर के लिए स्थाई विकलांगता के शिकार हो जाते हैं, उनके व उनके परिवारों पर क्या बीतती होगी। इसलिए सरकार पोलियो उन्मूलन अभियान को तब तक जारी रखेगी, जब तक पूरी दुनिया से यह बीमारी समाप्त नहीं हो जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के तहत प्रदेश में पांच वर्ष तक के 3.80 करोड़ बच्चों को पोलियोरोधी ड्रॉप पिलायी जाएगी। इतने बच्चों को बीमारी से सुरक्षा कवर देने के लिए 1.10 लाख बूथ बनाए गए हैं। साथ ही, 76 हजार से अधिक सचल टीमें लगाई गई हैं, जो इस अभियान को सफल बनाएंगी। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के अलावा बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए मिशन इंद्रधनुष भी चलाया जाता है। मासूमों को पूरा टीकाकरण कवरेज समय पर देना होगा। यह हर एक बच्चे का अधिकार है, तो हम सभी का दायित्व भी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण में अंतर्विभागीय समन्वय का विशेष योगदान रहा। इसी प्रकार पल्स पोलियो अभियान व अन्य कार्यक्रमों में भी इसकी आवश्यकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 वर्षों में 50 हजार मासूम इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर असमय काल कवलित हो गए थे। हमने 05 वर्ष में इसके उपचार व सम्पूर्ण उन्मूलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए। इंसेफलाइटिस से होने वाली मौत के आंकड़े 95 फीसद तक नियंत्रण में हैं। अब इसके सम्पूर्ण उन्मूलन का अवसर है। इंसेफलाइटिस पर नकेल कसने में स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों के सामूहिक प्रयास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय व मजबूत हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है।
कोरोना के प्रबन्धन में पूरे देश में आगे रहा UP
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिकता के बल पर फोर टी (ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण) फॉर्मूले को अपनाकर उत्तर प्रदेश वैश्विक महामारी कोरोना के प्रबन्धन में पूरे देश में आगे रहा है। कोरोना संक्रमण की दस्तक के दौरान मार्च, 2020 में उत्तर प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा नहीं थी, जबकि आज प्रदेश के हर जिले में आरटीपीसीआर लैब है। आज प्रतिदिन 04 लाख आरटीपीसीआर जांच की क्षमता है। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक जांच व वैक्सीन देने वाला राज्य है। उपचार के लिए सर्वाधिक बेड्स व सुविधाएं उत्तर प्रदेश में हैं। पहले 36 जिलों में वेंटिलेटर नहीं थे, आज हर जनपद में हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 29.60 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। अब 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है। उन्होंने कोरोना पर नियंत्रण के लिए इसमें लगे विभिन्न विभागों के कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कोरोना प्रबन्धन को दुनिया ने सराहा है।