—यूपी में मिशन शक्ति के तहत ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम का श्रीगणेश
—पूरे यूपी में प्रति जिले में 1,000 महिलाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण चलेगा
— महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा व सशक्तिकरण हेतु जागरूकता में वृद्धि होगी
लखनऊ/ विनोद मिश्रा : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में निरन्तर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की बहन, बेटियों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में इस अभियान को विभिन्न विभागों के अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज मिशन शक्ति के तृतीय चरण के अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में मिशन शक्ति के तृतीय चरण के अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा आयोजित ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में प्रति जनपद 1,000 महिलाओं के लिए 03 दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण तथा 01 दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अपने कर कमलों से 12 महिलाओं को कौशल विकास एवं प्रशिक्षण किट वितरित किये। साथ ही, महिला उद्यमी हेल्पलाइन 1800-212-6844 तथा वेबसाइट का शुभारम्भ किया। उन्होंने डाक विभाग के सहयोग से सभी 75 जनपदों के ओडीओपी उत्पाद के विशेष कवर व विशेष विरूपण का अनावरण एवं विमोचन भी किया। उन्होंने प्रशिक्षण पुस्तिका का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला उद्यमिता हेल्पलाइन से उद्यमशीलता में आने वाली समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो सकेगा। यह वेबसाइट महिला उद्यमियों को विभाग से जुड़ी हुई जानकारी तथा प्रत्येक जनपद में दिये जा रहे प्रशिक्षण के सम्बन्ध में रियल टाइम सूचना उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एमएसएमई विभाग की ‘निर्भया-एक पहल’ से प्रदेश की महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सबल व सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को अगले तीन माह में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से प्रदेश के बैंकों से सस्ता लोन, विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी उपलब्ध कराकर इनके स्वावलम्बन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाए। महिलाओं को सबल, सफल व सुरक्षित बनाने की इस पहल से महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा व सशक्तिकरण हेतु जागरूकता में वृद्धि भी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन एक-दूसरे से जुड़े हैं। सुरक्षा के वातावरण में महिलाओं को स्वावलम्बी बनाते हुए उनकेे सम्मान में वृद्धि एवं उसकी रक्षा की जा सकती है। प्रदेश सरकार द्वारा नारी शक्ति के सम्मान, सुरक्षा व स्वावलम्बन के कार्य को मिशन मोड में आगे बढ़ाने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना पूरे देश में अपना गरिमामयी स्थान प्राप्त कर रही है। उसी तरह मिशन शक्ति का यह अभियान भी पूरे देश में सशक्त रूप से अपने प्रभावी परिणामों को प्राप्त करेगा, जिससे प्रदेश की माताएं व बहनें देश के विकास में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करेंगी और प्रदेश को एक नयी पहचान दिलाने का कार्य भी करेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति के अन्तर्गत चरणबद्ध रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। प्रदेश के गृह विभाग, महिला कल्याण विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज विभाग, नगर विकास विभाग के बाद आज MSME विभाग इस कार्यक्रम के माध्यम से मिशन शक्ति अभियान से जुड़ गया है। अब तक MSME विभाग पुरुषों के स्वावलम्बन के लिए कार्य कर रहा था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि MSME विभाग 75,000 महिलाओं को प्रशिक्षित करते हुए उनके स्वावलम्बन के कार्य को आगे बढ़ा रहा है, जिसकी आज प्रदेश में शुरुआत की गयी है।
महिलाओं को प्रशिक्षण व टूलकिट उपलब्ध कराने की कार्यवाही
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी अकेले नहीं होती, बल्कि वह समाज को एक नयी दिशा देने का आधार बनती है। नारी शक्ति की सहभागिता ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम से जुड़ी हुई है। इसलिए महिला कल्याण एवं विकास की यह योजना स्वाभाविक रूप से सफल होगी। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ में खास तौर पर महिलाओं के लिए प्रशिक्षण प्रारम्भ होने चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि MSME विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि अगले तीन माह में सभी 75 जनपदों में एक-एक हजार लोगों अर्थात 75,000 लोगों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर उन्हें प्रशिक्षित करते हुए स्वावलम्बी बनाएं। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के विभिन्न ट्रेड्स में से कई ट्रेड महिलाओं के लिए विशेषीकृत हो सकते हैं। इन महिलाओं को प्रशिक्षण व टूलकिट उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जानी चाहिए। साथ ही, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान एक निश्चित मानदेय भी प्रदान किया जाना चाहिए।
महिलाएं रेडीमेड गारमेण्ट्स के उद्योग को आगे बढ़ा सकती हैं
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नारी दृढ़ निश्चय व आत्मशक्ति से कठिन से कठिन कार्याें को सम्पादित कर सकती हैं। इन कार्याें में समाज का आंशिक सहयोग मिलने पर भी वह सफलता की नयी ऊँचाइयांे को छू सकती हैं। झांसी में बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर इसका सर्वाेत्तम उदाहरण है। 600 ग्रामों की महिलाओं द्वारा संचालित यह संस्था 04 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का लाभ प्राप्त कर रही है। गांव-गांव में दुग्ध समितियों का गठन करके महिला सशक्तिकरण के इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं सिलाई, कढ़ाई के कार्याें सहित रेडीमेड गारमेण्ट्स के उद्योग को अधिक कुशलता से आगे बढ़ा सकती हैं। आने वाले समय में रेडीमेड गारमेण्ट्स का हब उत्तर प्रदेश हो सकता है। इसके लिए महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण, तकनीक, मशीनें, कच्चा माल उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इस दिशा में प्रयास करके उत्तर प्रदेश, चीन व वियतनाम जैसे देशों को पीछे छोड़कर विश्वस्तर पर अपना स्थान बना सकता है।