लखनऊ /अदिति सिंह : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 05 वर्षाें के दौरान तकनीक का अधिकाधिक उपयोग करते हुए प्रदेश के 25 करोड़ लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए एक अच्छी मंशा से कार्य किया है। आज उसके परिणाम भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश में उन सभी पेंशनधारकों के लिए, जो इस समय पेंशन प्राप्त कर रहे हैं और जो भविष्य में पेंशन प्राप्त करेंगे, उन सभी के लिए ई-पेंशन पोर्टल का शुभारम्भ इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जिससे वे अपने जीवन को और सरलीकृत कर सकेंगे। यह व्यवस्था ‘ईज ऑफ लिविंग’ का ही एक हिस्सा है।
—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया ई-पेंशन पोर्टल का शुभारम्भ
—31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए 1,220 पेंशनर्स के खातों में पेंशन गई
—सरकारी कर्मचारी ने एक कर्मयोगी के रूप में योगदान दिया
—ई-पेंशन पोर्टल की यह व्यवस्था ‘ईज ऑफ लिविंग’ का ही एक हिस्सा
—पोर्टल से प्रदेश के 11.50 लाख कार्मिक सीधे लाभान्वित होंगे
—सेवानिवृत्त होने के 6 माह पहले ही रजिस्ट्रेशन और आवेदन करना होगा
—यूपी पहला राज्य है, जिसने पेंशनधारकों को यह सुविधा उपलब्ध कराई
इस अवसर पर उन्होंने 31 मार्च, 2022 को सेवानिवृत्त हुए 1220 पेंशनर्स के खातों में पेंशन की राशि भी हस्तान्तरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-पेंशन पोर्टल के शुभारम्भ से प्रदेश के 11.50 लाख कार्मिक सीधे लाभान्वित होंगे। तकनीक व्यक्ति के जीवन में व्यापक परिवर्तन ला सकती है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की बागडोर सम्भालते समय आह्वान किया था कि हमें एक भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की स्थापना के लिए तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः जिसे लोग छोटी घटना मानते हैं, यह आवश्यक नहीं है कि वह घटना जिस पर बीतती है, उसके लिए भी छोटी हो। उसके लिए तो यह घटना अपने आपमें बड़ी होती है। अपनी समस्या के समाधान के लिए व्यक्ति को बहुत कुछ करना होता है। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने ई-पेंशन पोर्टल के विकास के माध्यम से प्रदेश के लाखों कार्मिकों के जीवन में परिवर्तन लाने वाला अवसर सामने रखा है। 31 मार्च, 2022 को जो लोग सेवानिवृत्त हुए हैं ऐसे 1,220 कार्मिकों का भुगतान आज सीधे उनके खाते में भेजा गया है। अब किसी भी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को कहीं भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया के अन्तर्गत पेंशनर को सेवानिवृत्त होने के 06 माह पहले ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आवेदन करना है। रजिस्ट्रेशन करने के बाद आहरण एवं वितरण अधिकारी (डी0डी0ओ0) द्वारा पंेशनर के आवेदन की जांच कर 30 दिन के अन्दर पेंशन पेमेण्ट ऑर्डर (पी0पी0ओ0) जारी करने वाले अधिकारी को अग्रसारित कर दिया जाएगा। पी0पी0ओ0 जारी करने वाले अधिकारी द्वारा 30 दिनांे के अन्दर पी0पी0ओ0 जारी कर दिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया 90 दिनों के अन्दर, सेवानिवृत्ति से 03 महीने पहले पूर्ण कर ली जाएगी। यहां से पेंशन के कागजात पूर्ण होने का संदेश आवेदनकर्ता के पास आ जाएगा। नियत तिथि को कोषागार द्वारा पेंशनर के खाते में पेंशन का ऑनलाइन भुगतान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-पंेशन पोर्टल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह कॉन्टैक्टलेस है। आपको कहीं जाना नहीं है। बस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना है। बाकी की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। यह पेपरलेस तथा कैशलेस है। पूरी प्रक्रिया सेवानिवृत्ति के 06 माह पूर्व से शुरु होकर अपने आप पूरी हो जाएगी। ऑनलाइन डैशबोर्ड द्वारा यह पूरी तरह अनुरक्षित होगा। यह सुविधा अनेक उपलब्धियों से भरी है। पेंशन के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ेगा। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने अपने पेंशनधारकों को यह सुविधा उपलब्ध कराने की कार्यवाही की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारी ने सरकार के साथ जो एग्रीमेण्ट किया, उसके क्रम में यह पेंशन आपको प्राप्त हो रही है। इसमें कर्मचारी एवं राज्य दोनों का योगदान होता है। एक कर्मयोगी के रूप मंे जो योगदान आपने दिया है, उसका पेंशन भोगी नहीं बल्कि पेंशन योगी के रूप में सम्मान होना चाहिए। आपने जो योगदान दिया है उस योगदान के प्रति शासन और आपके स्वयं के योगदान का प्रतिफल आपको प्राप्त हो रहा है। हमें यह उसी रूप में आगे भी बढ़ाना चाहिए। ‘योगक्षेमं वहाम्यहं’ यह भाव हमारा होना चाहिए। यह कल्याणकारी भाव जब भी व्यक्ति, समाज, लोक के मन में होगा, तो उसका आगे का जीवन उतना ही सुखद और प्रसन्नचित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सदैव अच्छी और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। अच्छी और सकारात्मक सोच व्यक्ति को नई ऊर्जा से ओत-प्रोत करती है। उसके जीवन में खुशहाली लेकर आती है। सकारात्मक सोच व्यक्ति को उन्नति की ओर लेकर जाती है। हमें अच्छी सोच, अच्छा देखना, अच्छा करना, अच्छे सकारात्मक भाव के साथ आगे बढ़ने की व्यवस्था करनी है। नकारात्मक सोच व्यक्ति को अवनति की ओर ले जाती है। जिस व्यक्ति को हर जगह गलत ही दिखायी देता है, हर जगह खामी दिखायी देती है, वह व्यक्ति न स्वयं का, न समाज का और न ही लोक का भला कर सकता है।
मृतक आश्रित की नियुक्ति पाने वाले के लिए पोर्टल की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से कार्मिकों की असामयिक मृत्यु हो जाती है। मृतक आश्रित की नियुक्ति पाने वाले कार्मिकों के लिए भी इस प्रकार का एक पोर्टल बनाने की आवश्यकता है, जिससे उन्हें कहीं भटकना न पड़े। सब कुछ ऑनलाइन हो, यह आज की आवश्कता है। ईज ऑफ लिविंग का मतलब जीवन को सरलीकृत करना है। प्रत्येक क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग करते हुए इस प्रक्रिया को और आगे बढ़ाना चाहिए। इस दिशा में मुख्य सचिव के स्तर से अन्तर्विभागीय समिति बनाकर एक व्यवस्था तैयार की जाए, जिससे मृतक कार्मिक के देय के भुगतान के साथ ही मृतक आश्रित को नौकरी देने का प्राविधान किया जा सके। आने वाले समय में प्रत्येक विभाग अपनी प्रक्रिया को ई-ऑफिस से जोड़े, जिससे लोकतंत्र की भावनाओं का सम्मान करते हुए एक सामान्य नागरिक को योजनाओं का लाभ देने के लिए समर्थ किया जा सके।