–टवीटर पर अश्लील सामग्री साझा की गयी, केस दर्ज, जांच जारी
–आईएएस, आईपीएस, आईएफएस एवं सीएपीएफ ने जताया विरोध
–अकादमी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी गालियां
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : मसूरी स्थित सिविल सेवा अधिकारियों के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान में नियुक्त कुछ महिला पुलिस अधिकारियों को ट्विटर पर कुछ लोगों ने गालियां दीं और अश्लील सामग्री साझा की जिसके बाद संस्थान ने स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करायी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के प्रशासन की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। अकादमी की ओर से जारी बयान के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने प्राथमिकी दर्ज की है और ट्विटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। संस्थान ने कहा, हमें सूचना दी गई है कि जांच प्रक्रिया सही चल रही है।
अकादमी के अधिकारियों ने इस ट्विटर हैंडल को तुरंत ब्लॉक करने के लिए ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को पत्र लिखा है। ट्विटर इंडिया ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बयान में कहा गया है, अकादमी को उत्तराखड पुलिस की जांच प्रक्रिया में पूरा विश्वास है और यकीन है कि दोषी को न्याय की जद में लाया जाएगा और उसे उदाहरणीय सजा मिलेगी ताकि ऐसी घटना दोबारा ना हो।
इस घटना की भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों की एसोसिएशनों ने जल्द जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय की जद में लाने की मांग की है। उसके अलावा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के सभी कैडर के अधिकारियों ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने ट्वीट किया है, सीएपीएफ के सभी अधिकारी महिला आईपीएस अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट और टिप्पणियों की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि ऐसे घटिया लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए।
अकादमी ने प्राथमिकी दर्ज करायी, एकजुटता की प्रशंसा
अकादमी ने कहा कि इस दौर में अपनी सहर्किमयों के साथ खड़े रहने और आईएएस, आईपीएस और अन्य सेवाओं के अधिकारियों द्वारा एकजुटता दिखाए जाने की वह प्रशंसा करता है। अकादमी ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। अकादमी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, आज कुछ ट्विटर हैंडल से महिला आईपीएस अधिकारियों को गालियां दी गई, आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री साझा की गई। अकादमी इस दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक ट्वीट की कड़ी निंदा करती है। इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है।
महिला अधिकारियों के सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध : IPS एसोसिएशन
We strongly condemn the abusive & derogatory remarks on Twitter regarding lady IPS officers. We believe the concerned police agencies will do thorough investigation to expeditiously bring culprits to book. We solemnly resolve to protect the dignity of lady officers.
— IPS Association (@IPS_Association) June 4, 2020
आईपीएस एसोसिएशन (सेंट्रल) ने कहा कि हम महिला आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। हमें विश्वास है कि संबंधित पुलिस एजेंसी विस्तृत जांच करने के बाद दोषी को सजा दिलाएगी। हम महिला अधिकारियों के सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कायरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए : IAS एसोसिएशन
We agree and condemn abusive posts and comments against #IPS officers and demand strong action be taken against such perverted minds. We have reported such handles and request @TwitterIndia to remove such posts and handles.@IPS_Association https://t.co/H8LRTjPpCn
— IAS Association (@IASassociation) June 4, 2020
आईएएस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने ट्विटर से कहा है कि वह ऐसे पोस्ट और हैंडल को डिलिट करे। उसने कहा है, हम आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं और ऐसी घटिया सोच रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। हमने ऐसे हैंडल की शिकायत की है और ट्विटर से उन पोस्ट और हैंडल को डिलिट करने का अनुरोध किया है। आईएफएस एसोसिएशन ने भी सोशल मीडिया पर महिला अधिकारियों के खिलाफ की गई इन आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। उसका कहना है, ऐसे कायरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भी इस मामले में अपनी कनिष्ठ महिला सहयोगियों के साथ खड़े हैं।
महिलाओं को दोएम दर्जे का माना जाता है : IPS असलम खान
यहाँ से शुरू किया और कुछ जोर नहीं चला तो lady officers का character assassination karne chale आए.सबसे आसान है ना ये काम.# respect women pic.twitter.com/VAlYYLJOb5
— Aslam Khan (@aslam_IPS) June 4, 2020
एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केन्द्र शासित प्रदेश) कैडर के 2007 की आईपीएस अधिकारी असलम खान ने ट्वीट किया है, प्रत्येक मनुष्य सम्मान का अधिकारी है। विशेष रूप से महिलाएं,क्योंकि उन्हें अभी भी दोएम दर्जे का माना जाता है। हम महिला अधिकारी इसलिए निशाने पर रहती हैं क्योंकि हम मुद्दों पर डटकर खड़ी होती हैं और उनसे यह बर्दाश्त नहीं होता। समर्थन के लिए धन्यवाद। मुस्कुराते चेहरों के साथ मुस्कुराती आंखें, अब हम और मजबूती से खड़ी होंगी।
खान ने ईशारों-ईशारों मे कहा कि कुछ आईपीएस अधिकारियों और अद्र्धसैनिक बलों के अधिकारियों के बीच कथित रंजिश इस घटना की वजह हो सकती है। सीएपीएस अधिकारियों को पिछले साल ग्रुप ए सेवा का दर्जा दिया गया ताकि उन्हें भारतीय पुलिस सेवा में अपने समकक्षों के अनुरुप ही वेतन और पदोन्नति प्राप्त हो सके।
महिलाओं का सम्मान जरूरी, वूमेन एक्सप्रेस साथ खड़ा
देश का पहला महिलाओं का एकमात्र दैनिक अखबार वूमेन एक्सप्रेस (WOMEN EXPRESS) महिला आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ गलत टिप्पणी करने की सख्त निंदा की है। साथ ही कहा कि ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि सोशल मीडिया पर फिर कोई सिरफिरा गलत शब्दावली का प्रयोग ना करे।