–16 गांवों में 6 महीने में एक भी बच्ची पैदा नहीं हुई
–देवभूमि भी बेटियों का दुश्मन
—उत्तरराखंड के उत्तरकाशी जिले की घटना, प्रशासन भी हैरान
—गांवों का सर्वेंक्षण करने के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों की एक टीम गठित
—66 अन्य गांवों में पैदा हुए लड़कों के मुकाबले लडकियों की संख्या काफी कम
(क्षमा शुक्ला)
देहरादून/टीम डिजिटल : भाजपा शासित राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के निर्देश पर बेटियों को बचाने के लिए एक महाअभियान बेटी बचाओ, बेटी पढाओ (Beti Bachao, Beti Padhao) पिछले 6 साल से चल रहा है। कुछ जगहों का इसका अच्छा रिजल्ट भी देखने को मिला है। लेकिन, कुछ शहर एवं गांव अभी भी ऐसे हैं, जहां बेटियों को जन्म लेने से पहले ही खत्म भ्रूण हत्या कर दिया जा रहा हैं। इन सबके बीच भाजपा शासित पहाडी राज्य उत्तराखंड से एक अजीबो गरीबों खबर है।
राज्य के उत्तरकाशी जिले के 16 गांवों में पिछले छह महीने के दौरान एक भी बच्ची पैदा नहीं हुई है। इससे अधिकारियों में इस बात को लेकर शक पैदा हो गया कि कहीं क्षेत्र में चल रहे क्लिनिकों तथा अन्य चिकित्सकीय सेंटरों द्वारा भ्रूण के लिंग की पहचान करने वाले टेस्ट तो नहीं कराए जा रहे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जिले के भटवाड़ी, डुंडा और चिन्यालीसौड ब्लॉकों के 16 गांवों में पिछले छह महीनों के दौरान एक भी बच्ची पैदा नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि इस अवधि में इन गांवों में 65 बच्चे पैदा हुए, लेकिन उनमें से एक भी लड़की नहीं है। जिले के 66 अन्य गांवों में इस अवधि के दौरान पैदा हुए लड़कों के मुकाबले लडकियों की संख्या भी काफी कम दर्ज की गयी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त गांवों का सर्वेंक्षण करने के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों की एक टीम गठित की गयी है जो यह पता लगाएगी कि क्या क्षेत्र में चल रहे चिकित्सकीय सेंटरों में गोपनीय तरीके से भ्रूण लिंग की पहचान के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा चिकित्सा विभाग को भी यह पता लगाने को कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं ने किस माह रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया। इसके आधार पर विभाग संदिग्ध परिवारों के प्रोफाइल चेक करेगा।

चौहान ने बताया कि टीमों को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर समग्र रूप से देखें तो जिले में कन्या शिशु अनुपात बेहतर हुआ है और कुल 935 डिलीवरी में से 439 लड़कियां पैदा हुई हैं।
महोदय जी ,
साविनय निवेदन हैं कि आप सरकार को आगें भी अवगत
करते रहें। धन्यवाद।