नई दिल्ली/अदिति सिंह : आंखों के किनारे काले धब्बे (डार्क सर्कल) भला किसे अच्छे लगते हैं। कोई इनसे निजात पाने के लिए महंगे कॉस्मेटिक उत्पादों का सहारा लेता है तो कोई आलू के छिल्के रगड़ने जैसे घरेलू उपाय आजमाता है। लेकिन अब महिलाएं ‘डार्क सर्कल’ छिपाने के लिए सारी हदें पार कर दे रही हैं। वे आंखों के आसपास त्वचा की रंगत वाला टैटू गुदवा रही हैं, ताकि किसी को काले घेरों की भनक न लग पाए। दिल्ली, मुबंई एवं कोलकाता जैसे महानगरों में इसकी झलक देखने को मिल जा रही है। हालांकि ‘डार्क सर्कल’ पर पर्दा डालने वाली टैटू तकनीक ब्राजील के मशहूर टैटू कलाकार रोदोल्फो तोरिज के दिमाग की उपज है। वह टैटू गन की मदद से आंखों के किनारे ग्राहक की त्वचा से हूबहू मेल खाते रंग वाली खास स्याही का छिड़काव करते हैं। इससे ‘डार्क सर्कल’ तो ढक ही जाते हैं, साथ ही दाग-धब्बे और झुर्रियों के निशान भी सामने वाले को नजर नहीं आते।
रोदोल्फो के मुताबिक टैटू में इस्तेमाल स्याही त्वचा की बाहरी परत के नीचे जम जाती है। यह बाहरी परत और काले घेरों का सबब बनने वाले रसायनों के बीच एक दीवार की भूमिका निभाती है। इससे इन रसायनों का असर त्वचा पर नहीं उभर पाता और ‘डार्क सर्कल’ दूर रहते हैं। रोदोल्फो ने दावा किया कि टैटू में इस्तेमाल स्याही पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे लैस टैटू गुदवाने के लिए ग्राहक का महज एक बार पार्लर आना काफी है। हालांकि, उसे कुछ दिनों तक मेकअप से दूरी बनाए रखनी पड़ सकती है। रोदोल्फो इससे पहले ‘स्ट्रेच मार्क’ ढंकने वाली तकनीक ईजाद कर सुर्खियां बंटोर चुके हैं। दरअसल, पुरुषों को चर्बी के घटने-बढ़ने और महिलाओं को शिशु को जन्म देने के बाद अक्सर ‘स्ट्रेच मार्क’ उभरने की शिकायत सताती है। रोदोल्फो ‘एयरगन’ की मदद से ‘स्ट्रेच मार्क’ की धारियों को ग्राहक की त्वचा की रंगत वाली स्याही से भर देते हैं। इससे ‘स्ट्रेच मार्क’ त्वचा के रंग से इस कदर घुल जाते हैं कि उनकी भनक तक नहीं लगती।
कोरोनाकाल में लोग न सिर्फ अपनों की झलक पाने, बल्कि ऑफिस की मीटिंग निपटाने के लिए भी वीडियो कॉल का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, घर में लोगों का हर वक्त सजे-धजे रहने का मन नहीं करता। काम की व्यस्ता बढ़ने के कारण उनके पास मेकअप के लिए समय भी नहीं होता। ऐसे में एक अमेरिकी कंपनी ने ‘वर्चुअल मेकअप’ ऐप पेश किया है, जो चेहरे पर जंचने वाला मेकअप धारण कर वीडियो कॉल पर खुद को आकर्षक रूप में दर्शाने में मदद करेगा।हालांकि आज कल महिलाएं एवं युवतियां नाजुक अंगों एवं अंतरंग हिस्सों में भी टैटू खूब बनवा रही हैं। दिल्ली, मुबंई जैसे महानगरों में इसका चलन तेजी से बढां है। पहले लोग सिर्फ हाथों में टैटू बनवाते थे, लेकिन अब खासकर महिलाएं कहीं भी टैटू गुदवा रहीं हैं महिलाएं।
क्यों पड़ते हैं काले घेरे या ‘डार्क सर्कल’
‘डार्क सर्कल’ सबसे आम समस्याओं में से एक है, ढलती उम्र, नींद की कमी, थकान और लगातार कई घंटों तक स्क्रीन का इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह माना जाता है। हालांकि, कई मामलों में यह विटामिन ए, सी, के, ई और आयरन सहित विभिन्न पोषक तत्वों की कमी की तरफ भी इशारा करता है, सिगरेट-शराब की लत भी जिम्मेदार है।