काठमांडू। नेपाल की राजनीति में हलचल मची हुई है। जन आंदोलन की लहर चल रही है और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नई सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसी बीच, नेपाल के लोग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे मजबूत और देशभक्त नेता की मांग कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि नेपाल को भी ऐसे लीडर की जरूरत है जो देश को प्रगति की राह पर ले जाए। यह आवाजें काठमांडू की सड़कों से उठ रही हैं, जहां युवा और आम नागरिक राजनीतिक बदलाव की उम्मीद बांधे हुए हैं।
नेपाल में राजनीतिक संकट और जन आंदोलन के बीच लोग नरेंद्र मोदी के स्टाइल वाले नेतृत्व की तलाश कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमें पीएम मोदी जैसे प्रधानमंत्री चाहिए, जो हमेशा देश के हित में सोचे। वे नेपाल को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। हम मोदी जी का समर्थन करते हैं और यहां भी वैसा ही चेहरा चाहते हैं।” यह बयान ओली के इस्तीफे के बाद आए राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आया है, जब पूरा देश नई दिशा की तलाश में है।
युवाओं में जोश, 35 घंटे में सरकार बदली
नेपाल के युवा खासे उत्साहित हैं। काठमांडू के एक युवक ने कहा, “जो हम चाहते थे, वही हो गया। बुरे दिन पीछे छूट गए। यूथ पावर ने 35 घंटे में ही सरकार बदल दी। अब हमें अंतरिम प्रधानमंत्री चाहिए, ताकि कुछ दिनों बाद चुनाव हो सकें और नया पीएम चुना जाए।” वह नेपाल राजनीति के इस तेज बदलाव को युवाओं की जीत बता रहे थे।
इस युवक ने आगे जोर देकर कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जैसे लीडर की कमी खल रही है। वे देश की प्रगति के लिए समर्पित हैं। नेपाल को भी ऐसा ही मजबूत नेता चाहिए, जो सबको साथ लेकर चले।” नेपाल में जन आंदोलन नेपाल ने साबित कर दिया है कि युवा आवाज दबने वाली नहीं। लोग अब अंतरिम सरकार नेपाल पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन सबकी नजरें एक ऐसे चेहरे पर हैं जो मोदी जैसा विजन वाला हो।
सुशीला कार्की पर आपत्ति, नई पीढ़ी से उम्मीदें
हालांकि, सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने के प्रस्ताव पर स्थानीय लोग भारी आपत्ति जता रहे हैं। एक निवासी ने साफ कहा, “सुशीला कार्की पीएम नहीं बन सकतीं। वे पहले ही कई विवादों में घिरी रहीं। लोग उन्हें नहीं चाहते। हमें नई पीढ़ी से एक ताजा नेता चाहिए।” नेपाल संकट में लोग पुराने चेहरों से तौबा कर चुके हैं।
एक अन्य युवक ने नाम लिए, “सुशीला कार्की की जगह बालेंद्र शाह, धरन, कुलमन घीसिंग या गोपी हमाल जैसे युवा नेता प्रधानमंत्री बनें। उनकी अगुवाई से देश में सिर्फ राजनीतिक ड्रामा नहीं, बल्कि असली बदलाव आएगा।” ये आवाजें बता रही हैं कि नेपाल अब मजबूत नेतृत्व चाहता है, जो विवादों से दूर हो। लोग ओली इस्तीफा के बाद नेपाल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन अंतरिम दौर में स्थिरता जरूरी है।
एकता और राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस की पुकार
नेपाल के नागरिक अब एकजुटता की बात कर रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “देश को अभी एक युवा प्रधानमंत्री चाहिए, जो सबको जोड़े। हालिया नेपाल आंदोलन ने दिखाया कि लोग जाग चुके हैं। नेताओं को अपनी महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर राष्ट्रीय मुद्दों पर काम करना चाहिए। नेपाल की प्रगति के लिए सबको मिलकर चलना होगा।” यह आवाज भारत नेपाल संबंध को भी मजबूत करने का संकेत दे रही है, क्योंकि मोदी जैसा लीडर दोनों देशों के बीच पुल का काम कर सकता है।
कुल मिलाकर, नेपाल में राजनीतिक बदलाव की हवा चल रही है। लोग मोदी स्टाइल लीडरशिप की तलाश में हैं, जो देश को एकजुट करे और आर्थिक विकास की राह दिखाए। अंतरिम सरकार का फैसला जल्द आने वाला है, लेकिन जनता की मांग साफ है – नया, मजबूत और देशभक्त चेहरा। नेपाल की सड़कें अब उम्मीदों से गूंज रही हैं, और युवा इस बदलाव के सूत्रधार बन रहे हैं।
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