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Monday, June 16, 2025

PM नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत

— भारत और रूस के बीच भी होगा टू प्लस टू डाॅयलॉग
— विदेश एवं रक्षा मंत्रियों का ‘टू प्लस टू’ संवाद प्रणाली स्थापित होगा

नयी दिल्ली /टीम डिजिटल । कोविड महामारी के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाक्रम में भारत और रूस ने विदेश एवं रक्षा मंत्रियों का ‘टू प्लस टू’ संवाद प्रणाली स्थापित करने का आज फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद ट्वीटर पर यह घोषणा की। श्री मोदी ने कहा, “हमारी सशक्त रणनीतिक साझीदारी को और गति देने के लिए राष्ट्रपति पुतिन एवं मैंने हमारे विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय संवाद प्रणाली स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत में कोविड की स्थिति पर चर्चा की और रूस की ओर से मिलने वाली मदद के लिए श्री पुतिन को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने विविधतापूर्ण द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। हमने अंतरिक्ष अभियानों नवीकरणीय ऊर्जा विशेषकर हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था को लेकर सहयोग बढ़ाने के बारे में विचार विमर्श किया। स्पूतनिक-5 टीके को लेकर सहयोग इस महामारी से मानवता को बचाने के लिए बहुत कारगर होगा।”
उल्लेखनीय है कि अभी तक भारत की अमेरिका एवं जापान के साथ ही विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की टू प्लस टू संवाद प्रणाली कायम थी। रूस तीसरा देश है जिसके साथ कूटनीतिक संबंधों में यह आयाम जुड़ गया है। कोविड महामारी के बीच हाल ही में अमेरिका की ओर से भारत के प्रति कुछ प्रतिकूल घटनाओं के दरम्यान भारत एवं रूस के बीच टू प्लस टू संवाद प्रणाली का कायम होना शक्ति संतुलन की दृष्टि से बहुत अहम कूटनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि बैठक में दोनों नेताओं ने कोविड महामारी की ताजा स्थिति पर चर्चा की। श्री पुतिन ने भारत सरकार एवं यहां के नागरिकों के प्रति एकजुटता व्यक्त की और कहा कि रूस इस बारे में यथासंभव सहयोग देगा। मोदी ने श्री पुतिन को धन्यवाद देते हुए कहा कि रूस की ओर से त्वरित सहायता हमारी साझीदारी की सशक्तता का एक प्रतीक है। दोनों देशों ने वैश्विक महामारी से मुकाबले में जारी पारस्परिक सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। पुतिन ने भारत में स्पूतनिक-5 टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने की सराहना की। दोनों नेताओं ने माना कि भारत में विनिर्मित रूसी टीका दोनों देशों के अलावा अन्य देशों में उपयोग में आएगा।
दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय सहयोग को अपनी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त साझीदारी की भावना के अनुरूप और विस्तार देने की बात कही। पीएम मोदी ने भारत के गगनयान कार्यक्रम में रूस के सहयोग एवं भारत के अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण का पहला चरण पूरा होने पर आभार ज्ञापित किया। दोनों देशों ने हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था सहित नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को लेकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया।
पुतिन ने वर्ष 2021 में ब्रिक्स में भारत की अध्यक्षता की कामयाबी की कामना की और दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय एवं द्विपक्षीय मुद्दों पर सतत एवं निकट संपर्क में रहने की सहमति जतायी।

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