रियाद। हिंदी दिवस और हिंदी पखवाड़े के मौके पर सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने एक जबरदस्त कार्यक्रम आयोजित किया। सोमवार, 15 सितंबर को दूतावास में ये समारोह हुआ, जिसमें भारतीय समुदाय के लोग खूब संख्या में पहुंचे। हिंदी दिवस कार्यक्रम ने सबको एकजुट कर दिया। खास बात ये रही कि भारतीय छात्रों-छात्राओं ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से माहौल को रंगीन बना दिया। ऊपर से सऊदी दोस्तों की मौजूदगी ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया। ये कार्यक्रम भारतीय संस्कृति का शानदार प्रदर्शन था, जो रियाद की धरती पर गूंजा।
छात्रों की मनमोहक प्रस्तुतियां, हिंदी की मिठास बिखरी
कार्यक्रम में भारतीय विद्यार्थियों ने कमाल कर दिया। उन्होंने कविता पाठ, नाटक, गीत और भाषण जैसी कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इनसे पूरा हॉल हिंदी की मिठास और उसके महत्व से भर गया। बच्चे इतने उत्साही थे कि दर्शक बार-बार तालियां बजा रहे थे। हिंदी पखवाड़ा के तहत ये प्रस्तुतियां न सिर्फ मनोरंजन का जरिया बनीं, बल्कि हिंदी के प्रति प्यार भी जगाया। सऊदी मित्रों ने भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने जोश के साथ हिंदी गीत गाए और भाषण दिए। ये देखकर सब हैरान रह गए कि कैसे विदेशी दोस्त हिंदी को इतना अपना बना लेते हैं।
सुल्तान मैमनी की गायकी ने चुराई महफिल
सबसे ज्यादा चर्चा हुई सऊदी मित्र सुल्तान मैमनी की। उन्होंने लोकप्रिय गीत फिर भी दिल है हिंदुस्तानी गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी आवाज में वो जज्बा था, जो भारत-सऊदी के बीच सांस्कृतिक मित्रता को साफ दिखा रहा था। दर्शक इतने खुश हुए कि तालियों की गड़गड़ाहट रुक ही नहीं रही। ये प्रस्तुति इस बात का सबूत थी कि हिंदी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि दुनिया भर में पसंद की जा रही है। हिंदी गीत ने आयोजन को एक नई ऊंचाई दे दी। सऊदी दोस्तों की भागीदारी से लगा कि हिंदी एक पुल की तरह संस्कृतियों को जोड़ रही है।
प्रतियोगिताओं के विजेताओं को राजदूत ने किया सम्मानित
हिंदी दिवस समारोह में एक खास हिस्सा रहा प्रतियोगिताओं का। राजदूत महोदय ने हिंदी पखवाड़े के तहत हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया। ये प्रतियोगिताएं अंतर्राष्ट्रीय भारतीय स्कूलों और दूतावास के संयुक्त प्रयास से हुई थीं। विजेताओं को प्रमाणपत्र और पुरस्कार देकर उनकी प्रतिभा की तारीफ की गई। बच्चे इतने खुश थे कि उनकी आंखों में चमक आ गई। ये सम्मान न सिर्फ उनकी मेहनत का फल था, बल्कि हिंदी शिक्षा को बढ़ावा देने वाला कदम भी। राजदूत ने कहा कि ऐसे आयोजन से युवा पीढ़ी हिंदी से जुड़ रही है।
काउंसलर मनुस्मृति की संकल्पना, ऋषि त्रिपाठी का शानदार संचालन
पूरे कार्यक्रम की प्लानिंग और निगरानी दूतावास की काउंसलर सुश्री मनुस्मृति ने की। उन्होंने हिंदी दिवस के महत्व पर बात करते हुए बताया कि हिंदी कोई साधारण भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का जीता-जागता प्रतीक है। ये भाषा साहित्य, भावनाओं और परंपराओं को जोड़ती है। वहीं, कार्यक्रम का संचालन प्रथम सचिव श्री ऋषि त्रिपाठी ने किया। उनकी स्टाइल इतनी प्रभावी और उत्साही थी कि आयोजन जीवंत लग रहा था। सबको लगा जैसे घर पर ही कोई उत्सव हो रहा हो।
हिंदी: दुनिया की प्रमुख भाषा, संस्कृतियों का सेतु
वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि आज हिंदी न सिर्फ भारत की, बल्कि विश्व हिंदी दिवस की तरह वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण हो चुकी है। प्रवासी भारतीयों और स्थानीय सऊदी समुदाय की भागीदारी से साफ दिखा कि हिंदी अलग-अलग संस्कृतियों को जोड़ने का माध्यम है। ये कार्यक्रम सऊदी अरब में हिंदी के प्रसार का एक बड़ा उदाहरण बना। ऐसे आयोजन से लगता है कि हिंदी का सफर और लंबा चलेगा। रियाद में बसे भारतीयों के लिए ये दिन यादगार रहा। कुल मिलाकर, ये उत्सव हिंदी का महत्व और भारत की सॉफ्ट पावर को दुनिया के सामने लाया।
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