–सिखों ने सौंपा ज्ञापन, पाकिस्तान पर कार्रवाई का दवाब बनाने की मांग
–अकाली अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में हुई मुलाकात
–सिखों पर हमला करने एवं पत्थरबाजी करने वालों की गिरफतारी मांगी
–विदेश मंत्री से मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाने के लिए कहा
नई दिल्ली/ नीता बुधालिया : पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा ननकाना साहिब में हुए हमले और सिखों पर हो रहे अत्याचार को लेकर सिखों के एक दल ने सोमवार को विदेश मंत्री (foreign Minister) डा. जयशंकर से मुलाकात की। इसकी अगुवाई शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने की। साथ ही एक ज्ञापन भी सौंपा। सिखों ने सरकार ने गुहार लगाई कि वह पाकिस्तान में सिखों पर हमला करने वाले एवं गुरुद्वारा ननकाना साहिब के हमलावरों की तुरंत गिरफ्तारी की जाए। सथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से यह विशेष आश्वासन लें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के जान माल की रक्षा की जाएगी। सिखों पर नफरती हमला करने तथा ननकाना साहिब में गुरुद्वारा जन्म स्थान पर पत्थरबाजी करने वाले सभी दोषियों को गिरफतार करके सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने डॉ. जयशंकर से पाकिस्तान द्वारा अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भी उठाने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि 2002 की जनगणना के समय पाकिस्तान में सिखों की आबादी 40 हजार थी, जो घटकर पांच हजार रह गई है। यह अपने आप में जबरदस्ती धर्मांतरण का बहुत बड़ा सबूत है।
पाकिस्तान में कोई अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं
सरदार बादल के साथ अकाली सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा तथा नरेश गुजराल के अलावा डीएसजीएमसी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, तख्त पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह हित तथा हरमीत सिंह कालका शामिल थे। दल ने विदेश मंत्री को यह भी बताया कि पाकिस्तान में इतने बुरे हालात हैं कि गुरुद्वारों की देखभाल कर रहे सिख भी सुरक्षित नही हैं। इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर तत्काल हस्तक्षेप के लिए आग्रह करते हुए सरदार बादल ने कहा कि यदि कोई भी गुरुद्वारा जन्म स्थन पर हमला कर सकता है तो पाकिस्तान में कोई अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है।
अल्पसंख्यक को निशाना बनाया जाता है
अकाली दल प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यदि किसी भी अल्पसंख्यक को निशाना बनाया जाता है तो पाकिस्तान सरकार को तत्काल नोटिस लेकर अनुकरणीय कार्रवाई करने के लिए कहा जाना चाहिए। यदि सरकार ने गुरुद्वारा जन्म स्थान में सिखों पर हुए हमले तथा गुरुद्वारा साहिब पर हुए पथराव के मामले में तुरंत कार्रवाई की होती तो इससे बाद की घटनाएं शुरू नहीं होनी थी, जिनके कारण पेशावर में एक सिख नौजवान का कत्ल हो गया।
सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई
प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. जयशंकर को यह भी बताया कि पाकिस्तान में हाल की घटनाओं ने पूरी दुनिया भर के सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले सिख पहले ही कह चुके हैं कि वह असुरक्षित महसुस कर रहे हैं। यहां तक कि हमारे पवित्र गुरुघाम भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी स्थिति में सिखों तथा बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।