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Wednesday, October 15, 2025

महिलाओं की जबरन शादी पर प्रतिबंध, अब नहीं होगी महिलाओं से जबरदस्ती

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—महिलाओं को जबरदस्ती शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता
—एक विधवा को पति की मृत्यु के 17 सप्ताह बाद पुर्निववाह करने की अनुमति होगी

नई दिल्ली/ अदिति सिंह : अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान ने शुक्रवार को कहा कि उसने महिलाओं की जबरन शादी पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक आदेश में कहा गया है, दोनों (महिला और पुरुष) बराबर होने चाहिए। कोई भी महिलाओं को जबरदस्ती या दबाव से शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंजादा ने इस फैसले की घोषणा की। अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद से देश में अंतरराष्ट्रीय मदद बहाल नहीं हुई है और अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है। तालिबान ने यह कदम संभवत: इसलिए उठाया है क्योंकि विकसित राष्ट्रों से मान्यता हासिल करने और सहायता बहाल करने के लिए इन मानदंडों को पूरा किया जाना जरूरी है। गरीब, रूढि़वादी देश में जबरन विवाह बहुत प्रचलित है क्योंकि आंतरिक रूप से विस्थापित लोग कम उम्र की अपनी बेटियों की शादी पैसे लेकर कर देते हैं। इस धन का उपयोग कर्ज चुकाने और अपने परिवारों के भरण पोषण के लिए किया जाता है। आदेश में शादी के लिए न्यूनतम उम्र का उल्लेख नहीं किया है, हालांकि पहले यह 16 साल निर्धारित थी। अफग़ानिस्तान में दशकों से महिलाओं को संपत्ति की तरह माना जाता रहा है। हत्या के बदले टोकन के रूप में या विवादों अथवा कबायली झगड़ों को समाप्त करने के लिए भी बेटियों की शादी करा दी जाती है। तालिबान ने कहा है कि वह इस प्रथा के खिलाफ है। तालिबान ने यह भी कहा कि एक विधवा को अब अपने पति की मृत्यु के 17 सप्ताह बाद पुर्निववाह करने की अनुमति होगी। देश में अब भी सात से 12वीं कक्षा की हजारों लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं है और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अधिकतर महिलाओं के काम पर लौटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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