गाजीपुर /धनंजय शुक्ला । जिले की एक अदालत ने गैंगस्टर से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के 14 साल पुराने एक मामले में 10 साल कैद और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि उसके बड़े भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि गाजीपुर की विशेष सांसद-विधायक अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) दुर्गेश ने 14 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि अदालत ने बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल कैद और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
—गैंगस्टर एक्ट के 14 साल पुराना है मामला
—गाजीपुर की विशेष सांसद-विधायक अदालत का फैसला
—23 सितंबर, 2022 को दोनों के खिलाफ आरोप तय किए गए
शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि 22 नवंबर, 2007 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद कोतवाली में गैंगस्टर चार्ट में सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को शामिल करते हुए गैंगस्टर अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उन्होंने बताया कि 23 सितंबर, 2022 को दोनों के खिलाफ आरोप तय किए गए और अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी हुई। अधिवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था। उन्होंने बताया कि शनिवार को अदालत ने मामले में मुख्तार अंसारी को दस साल कैद और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। गौरतलब है कि अफजाल अंसारी गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद हैं। वहीं, मुख्तार अंसारी पड़ोसी जिले मऊ की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। मुख्तार अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उनकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे उनके बेटे अब्बास अंसारी विधायक चुने गए। मुख्तार अंसारी इस समय आपराधिक मामलों में बांदा की एक जेल में बंद हैं। मुख्तार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी। हालांकि अफजाल अंसारी अदालत में पेश हुए थे और सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) हितेंद्र कृष्ण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अफजाल अंसारी को अदालत के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया है। उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि आपराधिक माफिया आईएस (इंटर स्टेट)-191 गिरोह के सरगना मुख्तार अंसारी व उसके सह अभियुक्तों के विरूद्ध विचाराधीन अभियोगों में मुख्तार अंसारी, उसके भाई सह अभियुक्त अफजाल अंसारी तथा अन्य सदस्यों के विरूद्ध लंबित लगभग 60 मामलों में 20 अभियोगों की विभिन्न अदालतों में सुनवाई चल रही है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में गाजीपुर जिले में सांसद-विधायक अदालत ने शनिवार को दोनों को सजा सुनायी। बयान के अनुसार, गाजीपुर जिले में तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर, 2005 को हुई हत्या तथा वाराणसी में 22 जनवरी, 1997 को व्यापारी नंद किशोर रुंगटा उर्फ नंदू बाबू के अपहरण और हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी थी। अदालत का फैसला आने के बाद दिवंगत कृष्णानंद राय के भतीजे आनन्द राय ने अपने और परिवार की ओर से अदालत के प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया, साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति भी आभार जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज उन्होंने (योगी) उप्र को भयमुक्त बनाया है जबकि विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों में गुंडे, माफिया आततायी की तरह काम करते थे। गौरतलब है कि 29 नवंबर, 2005 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गयी थी। इस घटना में राय के सुरक्षाकर्मी सहित कई सहयोगी मारे गये थे। गौरतलब है कि अफजाल अंसारी को सजा सुनाये जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता भी समाप्त हो सकती है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है फौजदारी मामले में कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसी सजा की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी। अभी हाल में अलग-अलग मामलों में सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को केरल के वायनाड से संसद सदस्यता तथा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को रामपुर, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को इसी जिले की स्वार और भाजपा के विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट से अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी।