29.1 C
New Delhi
Saturday, July 27, 2024

हरियाणा के गांवों में शुरू होंगी 4जी सेवाएं, मिलेगा अच्छा नेटवर्क

नई दिल्ली/खुशबू पाण्डेय : देश के दूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों के 24,680 गांव अभी भी मोबाईल के अच्छे नेटवर्क से वंचित हैं। इन गांवों में या तो बीएसएनएल का नेटवर्क है नहीं या फिर 2जी एवं 3जी नेटवर्क के सहारे काम चल रहा है। सरकार अब इन गावों को भी बड़े शहरों की तर्ज पर हाईटेक नेटवर्क से कनेक्ट करने जा रही है। इसमें हरियाणा के पांच प्रमुख जिले हिसार, झज्जर, महेंद्रगढ़, पंचकूला, यमुना नगर चिन्हित किए गए हैं, जिनके गांवों में अब 4जी नेटवर्क काम करने लगेगा। इन जिलों में 11 गांव ऐसे पाए गए हैं, जहां केंद्र सरकार की मदद से अब 4जी मोबाइल सेवा उपलब्ध कराई जायेगी।

-दूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों के वंचित गांवों में बजेगी फोन की घंटी
-हरियाणा के 5 जिलों हिसार, झज्जर, महेंद्रगढ़, पंचकूला, यमुनानगर का चयन
-बीएसएनएल गांवों में देगा 4जी मोबाइल नेटवर्क, बदलेगी तस्वीर

बता दें कि सभी के लिए डिजिटल समावेशन और कनेक्टिविटी सरकार की ‘अंत्योदय  परिकल्पना का एक अभिन्न हिस्सा है। वर्ष 2021 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी योजनाओं को पूरा करने का आह्वान किया था। केंद्र सरकार ने देश भर में इस परियोजना से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवायें उपलब्ध कराने के लिए परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना परियोजना की कुल लागत 26,316 करोड़ रुपये है। इसमें दूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों के 24,680 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं मुहैया कराई जायेगी। परियोजना में मौजूदा ऑपरेटरों द्वारा सेवाओं की बहाली, नये निपटारे, वापसी आदि के कारण 20 प्रतिशत अतिरिक्त गांवों को शामिल करने का प्रावधान है।

हरियाणा के गांवों में शुरू होंगी 4जी सेवाएं, मिलेगा अच्छा नेटवर्क

इसके अलावा, केवल 2जी/3जी कनेक्टिविटी वाले 6,279 गांवों को 4जी में अपग्रेड किया जाएगा। केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले वर्ष सरकार ने 5 राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए परियोजना को मंजूरी दी। अधिकारी के मुताबिक बीएसएनएल द्वारा आत्मनिर्भर भारत के 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक का इस्तेमाल करके परियोजना को निष्पादित किया जाएगा। इसे यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा। 26,316 करोड़ रुपये की परियोजना की लागत में कैपेक्स और 5 वर्ष का ओपेक्स शामिल है।
अधिकारी के मुताबिक बीएसएनएल पहले से ही आत्मानिर्भर भारत के 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक को परिनियोजित करने की प्रक्रिया में है, जिसे इस परियोजना में भी परिनियोजित किया जाएगा। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की सरकार की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना से मोबाइल ब्रॉडबैंड के माध्यम से विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाओं, बैंकिंग सेवाओं, टेली-मेडिसिन, टेली-एजुकेशन आदि सेवाओं के वितरण को प्रोत्साहन मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। 4जी सेवा के शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के जीवन में बड़ा व्यापक बदलाव आएगा। साथ ही उनके रोजगार, शिक्षा एवं बाकी चीजों में भी बढ़ोतरी होगी।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles