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Sunday, September 14, 2025

अकाली दल ने पेश किया स्थगन प्रस्ताव, निरस्त हों तीनों कृषि बिल

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—तीनों किसान विरोधी कानूनों पर बहस करने तथा इन्हे निरस्त करें
—सदन किसान आंदोलन के शहीदों का सम्मान करे, लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
—अन्नदाता को पेश आ रही कठिनाईयों के लिए उनसे माफी मांगे: हरसिमरत कौर

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: शिरोमणी अकाली दल ने आज लोकसभा के सूचीबद्ध कामकाज को स्थगित करने और इसके बजाय सदन द्वारा तीनों खेती कानूनों को लागू करने पर पैदा हुए राष्ट्रव्यापी संकट से उत्पन्न गंभीर स्थिति पर चर्चा की मांग की।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र के माध्यम से बठिंडा की सांसद सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि इन तीन बिलों के कारण हितधारकों किसानों, खेत मजदूरों की घोर अवहेलना हुई है के विरोध को दरकिनार करके पास करवाए बिलों को स्थगित करने की मांग की। सरदारनी बादल ने यह भी मांग की कि सदन में ‘किसान आंदोलन के शहीदों के नाम’ शामिल किए जाने चाहिए ’ तथा उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की जानी चाहिए। उन्होने किसानों तथा खेत मजदूरों के लिए लड़ते हुए आंदोलन को शांतिपूर्ण तथा लोकतांत्रिक ढ़ंग से चलाया तथा अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होने कहा कि सदन को किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के साथ साथ उन्हे पेश आ रही परेशानियों तथा बलिदान पर दुख प्रकट करना चाहिए। उन्होने कहा कि सदन को उनकी शहादत को स्वीकार करना चाहिए।
सरदारनी बादल ने कहा कि तीनों खेती कानून संघवाद की भावना का उल्लंघन है, जैसा कि राष्ट्र के संविधान निर्माताओं द्वारा परिकल्पित है, क्योंकि खेती एक राज्य का हिस्सा है।
अपने पत्र में सरदारनी बादल ने इन विधेयकों को देश के करोड़ों अन्न्दाताओं के विरोध के बावजूद कानून पर हस्ताक्षर किए गए जिसके कारण इन विधेयकों को लेकर बड़ा जनआक्रोश है, तथा वे भीषण गर्मी तथा प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने के बावजूद वे अपने अधिकारों के लिए डटे हुए हैं। केंद्र के खिलाफ इस संघर्ष में कई सैंकड़ों किसानो/मजदूरों की जान जा चुकी है। उन्होने कहा कि सदन को किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के साथ उन्हे पेश आ रही परेशानियों तथा उनके बलिदान के लिए अफसोस जाहिर करना चाहिए। उन्होने कहा कि सदन को किसानों की शहादत की कद्र करनी चाहिए।

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