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Sunday, November 9, 2025

राष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी मयंक मिश्रा को बंधक बनाकर लूटा, मांगी फिरौती

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गाजियाबाद/भूपेंद्र तालान। ग्रेटर नोएडा निवासी राष्ट्रीय स्तर के शूटिंग खिलाड़ी मयंक मिश्रा को तमंचे और चाकू की नोक पर बंधक बनाकर लूट करने वाले तीन शातिर लुटेरों को स्वाट टीम सिटी और विजयनगर थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। तीनों ने मिलकर कारोबारी को एनएच-9 पर करीब तीन घंटे तक कार में घुमाते रहे थे। उसके बाद भाई से रुपए मंगाकर फरार हो गए थे। पुलिस ने इनके कब्जे से सिक्का,सोने की अंगूठी,चांदी की चेन,घटना में प्रयुक्त नई स्कूटी,19,500 रुपए,तीन तमंचे,कारतूस,3 जिन्दा कारतूस,चार खोखा,फरसा,स्टील की रॉड,तीन मोबाइल,ईयर ब्रड बरामद किया हैं।

—खिलाड़ी को तमंचा और चाकू के बल पर एनएच-9 पर तीन घंटे तक घुमाते रहे
— पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन लुटेरों का किया मुठभेड़, गिरफ्तार किया
— कब्जे से सिक्का,सोने की अंगूठी,चांदी की चेन, नई स्कूटी,19,500 रुपए,तीन तमंचे, कारतूस, फरसा,स्टील की रॉड,तीन मोबाइल बरामद
—तीनों मिलकर भोलेभाले व्यक्तियों को तमंचे की नोक पर लूटते थे

हालांकि पुलिस ने शुक्रवार को ही इन तीनों लुटेरों को हिरासत में ले लिया था। लेकिन शनिवार को मुठभेड़ में गिरफ्तारी दिखाई गई। एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बताया कि शनिवार को थाना विजयनगर प्रभारी निरीक्षक शशि चौधरी व स्वाट टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि हिंडन नदी पुस्ता की झाडिय़ों में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों किसी घटना करने की फिराक में बैठे हैं। टीम ने सूचना के बाद झाडिय़ों में छिपे तीनों बदमाशों को कांबिंग करते हुए सरेंडर करने के लिए कहा।

राष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी मयंक मिश्रा को बंधक बनाकर लूटा, मांगी फिरौती

मगर वह अपनी स्कूटी छोड़कर सामान एवं बैग को लेकर भागने लगे। पुलिस टीम से घिरता देख तीनों बदमाशों ने पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस टीम ने अपना बचाव करते हुए फायरिंग की। जिसमें पुलिस की गोली लगने पैर में लगने तीनों बदमाश घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। एसीपी कोतवाली ने बताया कि बदमाशों की पहचान राजा उर्फ मुकेश पुत्र चंद्रवीर निवासी चांदोक थाना जहांगीराबाद जिला बुलंदशहर हाल पता ग्राम तिलपता गोलचक्कर के पास किराये के मकान सूरजपुर ग्रेटर नोएडा,दीपक उर्फ लूट्टन पुत्र सोमवीर निवासी ग्राम करौला थाना पहासू जिला बुलंदशहर,वंश पुत्र धर्मेंद्र निवासी गिरधरपुर बिसरख गौतमबुद्धनगर मूल पता ग्राम हाफिजनगर बनहई थाना बिसलपुर पीलीभीत को लूट के माल एवं स्कूटी समेत गिरफ्तार किया गया। घायल तीनों बदमाशों को उपचार के लिए जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। पूछताछ में बताया कि गैंग बना रखा है। तीनों मिलकर भोलेभाले व्यक्तियों को तमंचे के बल पर लूटपाट कर उनका सामान छीन लेते हैं। उन्हें सुनसान जगह पर छोड़ देते है,जो सामान मिलता है उसे बेचकर रुपए आपस में बांट लेते हैं। एबीईएस कॉलेज के पास कारोबारी से लूट की थी। इससे पहले भी कई लूट कर चुके है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा निवासी कारोबारी और राष्ट्रीय स्तर के शूटिंग खिलाड़ी मयंक मिश्रा को इन तीन बदमाशों ने तमंचे और चाकू की नोक पर बंधक बना लिया और एनएच-9 पर करीब तीन घंटे तक कार में घुमाते रहे। इस दौरान बदमाशों ने उनसे न केवल फिरौती वसूली, बल्कि उनकी एयर पिस्टल, कारतूस, शूटिंग ग्लास और महंगे एयरपॉड्स भी लूट लिए।

शूटिंग खिलाड़ी के भाई ने डायल-112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी

पीडि़त मयंक मिश्रा के मुताबिक, उनके भाई ने घटना के दौरान डायल-112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी थी। इसके बावजूद हाईवे पर उनकी कार बदमाशों के कब्जे में करीब 45 मिनट तक दौड़ती रही, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। मयंक का कहना है कि बदमाश उनकी कनपटी पर पिस्तौल टिकाए हुए थे और जांघ पर चाकू रखे हुए थे। उन्होंने उनके भाई को वीडियो कॉल पर धमकाया और फिरौती के तौर पर 90 हजार रुपये, सोने की चेन और सिक्के मंगवाए।करीब रात सवा दो बजे, बदमाश उन्हें कार समेत मोहन नगर स्थित डीसीपी ट्रांस हिंडन कार्यालय के पास छोड़कर फरार हो गए।

खिलाड़ी को पुलिस ने सुना, न हीं अस्पताल ने इलाज किया

राष्ट्रीय स्तर के शूटिंग खिलाड़ी मयंक मिश्रा के मुताबिक जब वह मदद के लिए पुलिसकर्मी के पास पहुंचे तो उसे विजय नगर थाने भेज दिया गया। वहां से उन्हें क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने भेज दिया गया। दोनों थानों ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल दी। पीडि़त ने बताया कि वह इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के सर्वोदय अस्पताल गए। वहां उन्हें बताया गया कि चूंकि यह पुलिस केस है, इसलिए मेडिकल सरकारी अस्पताल में ही होगा। जब वह नोएडा जिला अस्पताल पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि पुलिस ही एमएलसी करवाएगी। अंतत: विजय नगर पुलिस उन्हें गुरुवार दोपहर मेडिकल के लिए लेकर गई।पीडि़त ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना की जानकारी होने के बावजूद उनकी एफआईआर शुक्रवार सुबह 9 बजे दर्ज की गई। सूचना के करीब 36 घंटे बाद। यही नहीं, पुलिस कमिश्नर के आदेश के बावजूद उन्हें समय पर एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई। अंतत: शुक्रवार शाम सात बजे मयंक को खुद थाने जाकर कॉपी लेनी पड़ी। इस पूरे मामले पर डीसीपी सिटी धवल जायसवाल का कहना है कि डायल-112 पर सूचना नहीं दी गई थी। विजयनगर थाने को जब सूचना मिली तो पुलिस तुरंत सक्रिय हुई और जांच शुरू कर दी थी।

 

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