—सेना ने बैठाई जांच, गृहमंत्री अमित शाह बोले- एसआईटी करेगी जांच
कोहिमा /नई दिल्ली। नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को बताया कि वह इस घटना की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि क्या यह गलत पहचान का मामला है। इस घटना के बाद भड़की हिंसा में एक सैनिक की भी मौत हो गई। यह घटना ओटिंग और तिरु गांवों के बीच हुई, जब कुछ दिहाड़ी मजदूर कोयला खदान से पिक अप वैन से अपने घर लौट रहे थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की। इसमें 13 मजदूरों की मौत हो गई। इसके बाद क्रुद्ध भीड़ ने सेना के वाहनों को घेर लिया और कम-से-कम तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस संघर्ष में सेना के एक जवान की मौत हो गई।
अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि यह गलत पहचान किए जाने का मामला था या नहीं। स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। घटना की जांच का आदेश देते हुए सेना ने कहा कि उसका एक जवान मारा गया है और कई अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सेना ने कहा कि यह घटना और इसके बाद जो हुआ वह बहुत दुखद है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को घटना के बारे में अवगत करा दिया गया है। मोन जिले की सीमा म्यांमार से लगती है और एनएससीएन का युंग ओंग धड़ा वहां से अपनी उग्रवादी गतिविधियां चलाता है।
सेना के तीन कोर मुख्यालय ने कहा कि मोन जिले के तिरु इलाके में संभावित उग्रवादी गतिविधियों को लेकर विश्वसनीय सूचना मिली थी। इसके आधार पर विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया गया। लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है। इस मामले में कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई की जाएगी। गालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग में कथित तौर पर नागरिकों की मौत पर भारतीय सेना ने दुख जताया है। सेना ने नगालैंड के मोन जिले में उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान कई आम लोगों की मौत होने के मामले की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का रविवार को आदेश दिया। दरअसल, शनिवार को मोन जिले के ओटिंग गांव में एक ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने एक पिक-अप वैन पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें काम से लौट रहे 13 आम नागरिकों की मौत हो गई। फायरिंग की इस घटना पर सेना ने दुख जताया और इसे अफसोसजनक बताया।
अमित शाह ने शोक जताया, परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। घटना की जांच कराई जाएगी और पीडि़त परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटना को दुखद बताते हुए पूछा कि जब नागरिक और यहां तक कि सुरक्षा कर्मी भी अपने ही देश में सुरक्षित नहीं हैं तो गृह मंत्रालय क्या कर रहा है? मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वगरें से शांति बनाए रखने की अपील की। रियो ने ट्वीट किया, मोन के ओटिंग में आम लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना निंदनीय है। मामले की एसआइटी (विशेष जांच दल) से जांच कराई जाएगी और कानून के अनुसार न्याय किया जाएगा। मैं सभी वर्गो से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं।