कोरोना के चलते रेलवे की स्थिति कमजोर, खर्चों में कटौती की तैयारी
–रिटायर्ड कर्मचारी अब दोबारा ठेके पर नहीं रखे जाएंगे
–वार्षिक एवं उद्घाटन के लिए रंगारंग समारोह नहीं होंगे
–नये फर्नीचर, गाड़ी, कंप्युटर-प्रिंटर नहीं खरीदे जाएंगे
– वार्षिक निरीक्षण में नहीं जाएगा लाव-लश्कर, खर्चेँ घटेंगे
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : कोविड के चलते भारतीय रेलवे की बंद यात्री रेलगाडिय़ों के बंद होने के कारण रेलवे की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई है। इसे ठीक करने को लेकर भारतीय रेलवे ने अपने तमाम खर्चों पर कैंची चला दी है। साथ ही एक बड़ा फैसला लेते हुए बडे आयोजनों, रंगारंग कार्यक्रमों, उदघाटन समारोहों, एवं कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों पर भी रोक लगा दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय रेलवे में उपर से लेकर निचले स्तर तक अब नई पोस्ट (सेफ्टी को छोड़कर) क्रियेट नहीं होगी। साथ ही 2 साल से जो पद खाली पड़े हैं और उनपर भर्ती नहीं हो पाई है उसे तुरंत सरेंडर किया जाएगा। इसके अलावा रिटायर्ड होने के बाद अनुबंध के आधार पर जो कर्मचारियों को रखा जाता था, अब उनकी नियुक्ति फिलहाल नहीं की जाएगी।
खास बात यह है कि नये फर्नीचर, गाड़ी, कंप्युटर-प्रिंटर की खरीद फरोख्त पर तुरंत रोक लगा दी गई है। अभी हालात सुधरने तक नहीं खरीदे जाएंगे। सूत्रों की माने तो इस बावत रेल मंत्रालय की वित्त आयुक्त(Finance commissioner) मंजुला रंगराजन ने सभी जोनल मुख्यालयों को पत्र लिखकर खर्चें में कटौती करने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक रेलवे के सभी जोन में वार्षिक निरीक्षण के नाम पर महाप्रबंधक (General manager) के साथ अब जोन का पूरा अमला नहीं जाएगा। निरीक्षण के लिए जीएम अकेले ही जा सकते हैं। अभी तक परंपरा रही है कि जीएम दौरे पर पूरा जोन का अमला जाता है और पूरा भारी भरकम खर्चें भी होते हैं। रेलवे के इस कदम से खर्चों में कटौती होगी।
यह भी पढें… भारतीय रेलवे ने पूरी की दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया
इसके अलावा रेल कर्मचारी सरकारी फाइलों को लेकर दूसरे जोन या मंडलों में जाते थे, अब वह नहीं जाएंगे और ई आफिस के जरिये काम किया जाएगा। जहां बहुत आवश्यक ही होगा, वहां कर्मचारी जाएगा, लेकिन इनको मिलने वाला यात्रा भत्ता में 50 फीसदी की कटौती होगी। सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्रालय के वित्त आयुक्त ने स्टोर विभाग में जीरो बेस मैटैरियल प्लानिंग करने पर जोर दिया है। इसके अलावा 31 साल पुराने लोको डीजल इंजनों को हटाने के लिए भी विचार किया गया है। साथ ही कहा गया है कि या तो उन्हें बेच दिया जाए या फिर आयात कर दिया जाए। तेल ज्यादा खाते हैं इसलिए फ्यूल का खर्चा कम हो।
ठेके पर हाउस कीपिंग, एएससी पर भी होगी कटौती
भारतीय रेलवे के पूरे सिस्टम में ठेके पर तैनात हाउस कीपिंग कर्मचारी, आन बोर्ड हाउस क्लीनिंग, बिस्तरों को देने वाले कर्मचारी, स्टेशनों की साफ-सफाई, बिस्तर चादर, ट्रेनों में चलने वाले सफाई कर्मचारी जो तैनात हैं, उनपर कटौती की जाए। इस पूरी व्यवस्था को रिब्यू किया जाए और ज्यादातर सीएसआर फंड का इस्तेमाल कर इनका भुगतान किया जाए। इसके अलावा एएमसी (एनुअल मेंटीनेंस चार्ज) में भी कटौती करने को कहा गया है। वर्तमान में कार्यालयों में एसी, कप्यूटर, विद्युत के सामान, आरओ सहित कई चीजों को ठीक करने के लिए ठेका दिया जाता है।
कर्मचारियों की हो मल्टीटास्किंग, आरक्षण क्लर्कों को टांसफर
भारतीय रेलवे के देशभर में कर्मचारियों के कार्यबल क्षमता को और अधिक बहुआयामी बनाने के लिए उनका मल्टीटास्किंग कराया जाए। ताकि वह कहीं भी काम कर सकते हैं। इसके अलावा देशभर के आरक्षण केंद्रों पर तैनात आरक्षण क्लर्कों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरिक किया जाएगा। चूंकि, अब ज्यादातर ट्रेनों का रिजर्वेशन आईआरसीटीसी के जरिये आनलाइन हो रही है, इसलिए आरक्षण केंद्रों पर इनका उपयोग कम हो गया है।
कैश अवार्ड अब केवल सेफ्टी, सुरक्षा, संरक्षा को मिलेगा, मीटिंगों को आनलाइन
भारतीय रेलवे ने खर्चों में कटौती करने के लिए रेलवे के वार्षिक समारोहों, उद्घाटन समारोहों को आनलाइन करने को कहा गया है। इसके अलावा कैश एवार्ड अब केवल सेफ्टी, सुरक्षा, संरक्षा और चिकित्सा विभाग को दिया जाएगा। साथ ही पब्लिसिटी, यात्रा एवं आर्गनाइजिंग मीटिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए। इसकी बजाय मीटिंगों को आनलाइन करने का सुझाव दिया गया है। हां अगर जरूरी ही है तभी इवेंट, समारोह जरूरत के हिसाब से ही किए जाए।