37.9 C
New Delhi
Sunday, June 8, 2025

महिला वैज्ञानिकों ने मारी बाजी, मिलेगा नोबेल पुरस्कार

—महिला वैज्ञानिकों को पहली बार रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार
—युवा लड़कियों के लिये नोबेल पुरस्कार सकारात्मक संदेश देगा
—दोनों महिलाओं ने आनुवंशिक रोगों और कैंसर के उपचार की पद्धति विकसित की

नई दिल्ली /टीम डिजिटल : आनुवंशिक रोगों और यहां तक कि कैंसर के उपचार में भविष्य में मददगार साबित होने वाली जीनोम एडिटिंग की एक पद्धति विकसित करने के लिये रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2020 का नोबेल पुरस्कार दो महिला वैज्ञानिकों को देने की बुधवार को घोषणा की गई। स्टॉकहोम में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार एमैनुएल चारपेंटियर और जेनिफर ए. डॉडना को देने की घोषणा की है। यह पहला मौका है जब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दो महिलाओं को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। फ्रांसीसी वैज्ञानिक एमैनुएल और अमेरिकी वैज्ञानिक जेनिफर ने CRISPR/CAS 9 (क्रिस्पर/कास9) नाम की एक पद्धति विकसित की, जिसका इस्तेमाल जंतुओं, पौधों और सूक्ष्म जीवों के डीएनए को अत्यधिक सूक्ष्मता से बदलने में किया जा सकता है। रसायन विज्ञान के लिये नोबेल समिति के अध्यक्ष क्लेज गुस्ताफसन ने कहा, इस आनुवंशिक औजार में अपार क्षमता है, जो हम सभी को प्रभावित करता है।

महिला वैज्ञानिकों ने मारी बाजी, मिलेगा नोबेल पुरस्कार

इसने न सिर्फ बुनियादी विज्ञान में क्रांति लाई है, बल्कि यह एक नवोन्मेषी उपाय के रूप में सामने आया है और यह नये मेडिकल उपचार में जबरदस्त योगदान देने वाला है। उन्होंने कहा कि नतीजतन, आनुवंशिक क्षति को दुरूस्त करने के लिये कोई भी जीनोम अब संपादित किया जा सकता है। यह औजार मानवता को बड़े अवसर प्रदान करेगा। हालांकि, उन्होंने आगाह करते हुए कहा, इस प्रौद्योगिकी की अपार क्षमता का यह मतलब भी है कि हमें अत्यधिक सावधानी के साथ इसका उपयोग करना होगा। इसने वैज्ञानिक समुदाय में पहले ही गंभीर नैतिक सवाल उठाये हैं। ज्यादातर देश CRISPR/CAS 9 प्रौद्योगिकी से 2018 में ही अवगत हो गये थे, जब चीनी वैज्ञानिक डॉ हे जियानकुई ने यह खुलासा किया था कि उन्होंने विश्व का पहला जीन-संपादित शिशु बनाने में मदद की थी।

यह भी पढें…किशोरियों एवं महिलाओं का हो रहा है ऑनलाइन उत्पीडऩ… जाने केसे

एड्स विषाणु के भविष्य में संक्रमण को रोकने के लिये प्रतिरोधी क्षमता तैयार करने की कोशिश के तहत ऐसा किया गया था। उनके इस कार्य की दुनियाभर में निंदा की गई थी क्योंकि यह मानव पर एक असुरक्षित प्रयोग था। इसने मनुष्य की आनुवंशिकी में गैर इरादतन बदलावों का खतरा पैदा किया जो भविष्य की पीढिय़ों में हस्तांतरित हो सकता था। वह अभी जेल में हैं। सितंबर में विशेषज्ञों के एक समूह ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि आनुवंशिक रूप से बदलाव के साथ शिशु तैयार करना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि इससे जुड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये विज्ञान अभी उतना अत्याधुनिक नहीं हुआ है। पुरस्कार की घोषणा होने पर र्बिलन से फोन पर चारपेंटियर (51) ने कहा, मैं बहुत भावुक हो गई, मुझे यह कहना है।

यह भी पढें…घरेलू हिंसा के प्रति महिलाओं में जागरुकता जरूरी, निडर होकर आगे आएं

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में पहली बार दो महिलाओं को एक साथ नोबेल पुरस्कार के लिये चुने जाने के तथ्य के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो वह खुद को एक वैज्ञानिक समझती हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगी। उन्होंने कहा, मैं कामना करती हूं कि विज्ञान के रास्ते पर चलने वाली युवा लड़कियों के लिये यह एक सकारात्मक संदेश देगा। डॉडना ने इस पुरस्कार के लिये चुने जाने पर कहा, मुझे सचमुच में यह मिला गया, मैं स्तब्ध हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि इसका उपयोग भलाई के लिये होगा, जीव विज्ञान में नये रहस्यों पर से पर्दा हटाने में होगा और मानव जाति को लाभ पहुंचाने के लिये होगा।

यह भी पढें…बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम में कमल खिलाएगी BJP, लिया संकल्प

उल्लेखनीय है कि इस प्रौद्योगिकी पर पेटेंट को लेकर हार्वर्ड के द ब्रॉड इंस्टीट््यूट और एमआईटी के बीच लंबी अदालती लड़ाई चली है और कई अन्य वैज्ञानिकों ने भी इस प्रौद्योगिकी पर महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और पुरस्कार की राशि के रूप में 10.1 लाख डॉलर से अधिक नकद राशि दी जाती है। मुद्रास्फीति के मद्देनजर पुरस्कार की राशि हाल ही में बढ़ाई गई थी। जीनोम एडिटिंग एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिये वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं। यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है। इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं। इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles