हेरात (अफगानिस्तान), 2 सितंबर । पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात शहर में शुक्रवार को एक भीड़ भरी मस्जिद में किए गए बम धमाके में तालिबान के करीबी माने जाने वाले एक प्रमुख मौलवी समेत कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हो गए। तालिबानी अधिकारियों और एक स्थानीय चिकित्साकर्मी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हेरात शहर की गुजारगाह मस्जिद में शुक्रवार दोपहर की नमाज के समय यह विस्फोट हुआ जब वहां काफी भीड़ थी। घटनास्थल के वीडियो में मस्जिद प्रांगण में शव बिखरे पड़े थे, जमीन पर खून के धब्बे नजर आ रहे थे। खौफ और सदमे में लोग चिल्ला रहे थे। इस विस्फोट में मुजीब-उल रहमान अंसारी की भी मौत हो गई, जो एक प्रमुख मौलवी थे। पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान की पश्चिम-सर्मिथत सरकारों की आलोचना के लिए अंसारी को पूरे अफगानिस्तान में पहचाना जाता था। अंसारी को तालिबान का करीबी समझा जाता है, जिसने विदेशी बलों के वापस जाने के बाद पिछले साल देश की सत्ता पर नियंत्रण हासिल किया था। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने धमाके में अंसारी की मौत की पुष्टि की है। धमाके से ठीक पहले, अंसारी शहर के एक अन्य हिस्से में हेरात के दौरे पर आए तालिबान सरकार के उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के साथ बैठक कर रहे थे। मौलवी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बरादर के एक सहयोगी ने ट््वीट किया कि नमाज के लिये वह मस्जिद गए थे। हेरात एंबुलेंस सेंटर के एक अधिकारी मोहम्मद दाउद मोहम्मदी ने कहा कि एंबुलेंस से 18 मृत और 21 घायलों को अस्पताल लाया गया है। शुक्रवार को हुए धमाके की किसी ने तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है। पिछले महीने, राजधानी काबुल में एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट में एक तालिबान समर्थक मौलवी को निशाना बनाया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा हमले की जिम्मेदारी ली गई थी। हेरात की गुजरगाह मस्जिद में अंसारी लंबे समय से मौलवी थे और यहां मुख्य रूप से सुन्नी मुसलमान नमाज अदा करने आते हैं। अफगानिस्तान में सुन्नी मुसलमान प्रभावी हैं और तालिबान शासन में भी इनका वर्चस्व है।