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Saturday, April 20, 2024

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक, 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसे रहे PM मोदी

नई दिल्‍ली /बठिंडा । पाकिस्तानी सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर पंजाब के फिरोजपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई। सड़क मार्ग से रैली में शामिल होने जा रहे प्रधानमंत्री के काफिले को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया जिस वजह से करीब 20 मिनट तक पीएम फ्लाईओवर पर फंसे रहे। आखिर आगे का कार्यक्रम रद कर उन्हें दिल्ली लौटना पड़ा। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक बठिंडा एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने अफसरों से कहा, ‘अपने मुख्यमंत्री चन्नी को धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट रहा हूं।’ सुरक्षा में हुई लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक पीएम मोदी बुधवार को सुबह 11 बजे बठिंडा पहुंचे थे जहां से उन्हें हेलिकाप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था लेकिन बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। मौसम की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने पर काफि‍ले ने सड़क मार्ग से स्मारक जाने का निर्णय लिया। गृह मंत्रालय का कहना है कि डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि किए जाने के बाद पीएम मोदी का काफि‍ला सड़क मार्ग से आगे बढ़ा था।

—किसानों ने रोका प्रधानमंत्री का रास्ता, रैली कैंसिल कर लौटे
—पाकिस्तानी सीमा से महज 30 किमी दूर पंजाब के फिरोजपुर जिले की घटना

काफि‍ले को बाजाखाना, कोटकपूरा, फरीदकोट से होते हुए फिरोजपुर पहुंचना था। बठिंडा से करीब 92 किमी दूर और फिरोजपुर से आठ किलोमीटर पहले ही प्रधानमंत्री के काफिले को रास्ते में रोक लिया गया। भारत-पाक सीमा से 30 और हुसैनीवाला से बीस किलोमीटर दूर स्थित इस जगह पर कुछ किसान पहले से धरने पर थे और जब उन्हें पता चला कि प्रधानमंत्री का काफिला इसी रास्ते से आ सकता है तो उन्होंने और लोगों को भी बुला लिया। जब तक पीएम का काफिला वहां पहुंचता, करीब सौ लोग इकट्ठा हो गए थे। पुलिस ने उन्हें हटाने को कोशिश की, लेकिन लोग नारेबाजी करते रहे।

इस दौरान बीस मिनट तक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री के काफिले को रुके रहने पर मजबूर होना पड़ा। उसके बाद रैली स्थल पर जाने के बजाय प्रधानमंत्री का काफिला वापस बठिंडा चला गया। बठिंडा एयरपोर्ट से दोपहर करीब तीन बजे प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुरक्षा में चूक को राज्य सरकार की नाकामी बताते हुए पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को इस्तीफा दे देना चाहिए।

गृह मंत्रालय सख्‍त, ऐसी लापरवाही अस्‍वीकार्य : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बड़ी लापरवाही करार दिया है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा- पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस मामले में जवाबदेही तय की जाएगी। पंजाब में कांग्रेस-निर्मित यह घटना इस बात का ट्रेलर है कि यह पार्टी कैसे सोचती है और काम करती है। लोगों द्वारा बार-बार ठुकराए जाने ने उन्हें पागलपन के रास्ते पर ला खड़ा कर दिया है। पंजाब की सरकार ने जो किया उसके लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से 24 घंटे में जवाब मांगा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से 24 घंटे में जवाब मांगा है। मंत्रालय के मुताबिक राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा में ‘बड़ी सुरक्षा चूक’ के बाद उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया। हमने पंजाब सरकार से इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा के बारे में पंजाब सरकार को बहुत पहले ही बता दिया गया था। पंजाब सरकार से सड़क मार्ग से किसी भी तरह की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने को कहा गया था जो स्पष्ट रूप से तैनात नहीं थे।

सीएम चन्नी ने दिए जांच के आदेश

देर शाम मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घटना पर खेद जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए चन्नी ने कहा, हम अपने प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं, उन्हें पंजाब में कोई खतरा नहीं था। उनकी जान पर कोई खतरा आने से पहले हम अपना खून बहाने वाले लोग हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का फोन आने से इन्कार किया जबकि प्रधानमंत्री के बयान पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

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