जबलपुर/वूमेन एक्सप्रेस । भारतीय रेलवे ने स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिसका उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप, एमएसएमई, इनोवेटर्स, उद्यमियों द्वारा भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सरंक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाना है। पश्चिम मध्य रेल के मुख्यालय में महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में रेलवे के लिए स्टार्टअप की शुरुआत के लिए इनोवेटर्स उद्यमियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें भारत सरकार की नई भारतीय रेलवे नवाचार नीति-रेलवे के लिए स्टार्टअप नीति के विभिन्न पहलुओं और सरकार द्वारा दी जा रही प्रावधानों, प्रोसेस, टाइम लाइन एवं विशेष रियायतों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय के अपर महाप्रबंधक शोभन चौधुरी, प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं मण्डल रेल प्रबंधक जबलपुर संजय विश्वास उपस्थित रहे। इसके साथ ही लगभग 25 इनोवेटर्स, उद्यमियों ने भी बैठक में भाग लिया और रेलवे के लिए स्टार्टअप नीति पर सार्थक चर्चा कर नीति की बारीकियों को बताया। कुछ मौजूदा इनोवेटर्स, उद्यमियों ने इस नीति के तहत रेलवे की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों को विकसित करने में रुचि दिखाई है। इस मौके पर महाप्रबंधक ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा। कार्यक्रम के पहले चरण के लिए रेलवे के मंडलों एवं यूनिट्स से प्राप्त 11 समस्याओं जैसे रेल फ्रैक्चर, हेडवे रिडक्शन इत्यादि को लिया गया है। इन समस्याओं का नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्टअप के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। इस स्टार्टअप नवाचार के पहले चरण की प्रक्रिया को 90 दिनों में पूर्ण कर ली जाएगी ।
रेलवे के लिए स्टार्टअप नवाचार नीति
नवोन्मेषकों को रेलवे में तकनीकी समाधान के लिए 1.5 करोड़ रुपये तक की अनुदान राशि समान बंटवारे के आधार पर मुहैया कराई जाएगी। रेलवे डिवीजनों इकाइयों में अवधारणा का प्रमाण। नवोन्मेषकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा। रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर उसे आगे बढ़ाने के लिए आगे की धनराशि प्रदान की जाएगी। नियमित उपयोग के लिए सफलतापूर्वक विकसित उत्पाद,प्रौद्योगिकी को अपनाना। 2-3 साल के लिए समर्थन। विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नवोन्मेषकों के पास ही रहेगा। नवोन्मेषकों को विकासात्मक प्रणाली का आश्वासन दिया गया।
नई नवाचार नीति के माध्यम से 11 समस्याओं की पहचान
पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर के प्रवक्ता के मुताबिक ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम, रेल स्ट्रेस निगरानी प्रणाली, भारतीय रेलवे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ उपनगरीय खंड इंटर ऑपरेबल के लिए हेडवे सुधार प्रणाली, ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का स्वचालन, भारी सामान ढोने वाले डिब्बों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन, फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास, रेलवे ट्रैक सफाई मशीन, प्रशिक्षण के बाद के संशोधन और रिफ्रेशन कोर्स के लिए ऐप, पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग।