—मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने सभी कर्मचारियों को दी सलाह
—हिंदी दिवस के मौके पर आयोग के आरटीआई पोर्टल के हिंदी संस्करण का लोकार्पण
—निर्वाचन आयोग ने मनाया 1 सितम्बर से 14 सितम्बर तक हिंदी पखवाड़ा
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : भारत निर्वाचन आयोग में मंगलवार की शाम हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘राजभाषा स्मारिका, आयोग की इन-हाउस त्रैमासिक हिंदी पत्रिका- महत्वपूर्ण है मत मेरा और ‘एटलस 2019’ (हिंदी संस्करण) का विमोचन किया। साथ ही, आयोग के आरटीआई पोर्टल के हिंदी संस्करण का लोकार्पण भी किया गया। समारोह में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्त, राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त, अनूप चंद्र पाण्डेय ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग में 01 सितम्बर से लेकर 14 सितम्बर तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। पखवाड़े के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं, टिप्पण एवं प्रारूपण प्रतियोगिता, हिंदी निबंध प्रतियोगिता, हिंदी टंकण प्रतियोगिता, हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिता एवं एमटीएस कर्मचारियों के लिए श्रुतलेख एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गईं जिनमें आयोग के स्टॉफ सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
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इस अवसर पर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि केवल पखवाड़े में ही हिंदी में काम न करें, अपितु बाकी दिनों में भी अपने प्रशासनिक कार्य हिंदी में करने की शुरुआत करें। उन्होंने राजभाषा स्मारिका प्रकाशित करने के लिए आयोग के राजभाषा प्रभाग की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रकाशन त्रैमासिक आधार पर नियमित रूप में प्रकाशित किए जाएं। इस अवसर पर अपने संबोधन में निर्वाचन आयुक्त, राजीव कुमार ने कहा कि इसे वार्षिक अनुष्ठान न बनाएं और उन्होंने हिंदी का यशगान करते हुए हिंदी की महत्ता बतलाने वाली अपनी एक स्वरचित कविता भी पढ़कर सुनाई। इस अवसर पर बोलते हुए निर्वाचन आयुक्त, अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा, ‘अंग्रेजी में बोलना कोई गौरव का प्रतीक नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी लिंग्वा इंडिका बन गई है और भारत में यह सम्पर्क भाषा के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी में काम करने की शुरुआत हस्ताक्षर करके करें।
आयोग के इस हिंदी दिवस समारोह में हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को आयोग के कर-कमलों से प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए।