नई दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली सिख कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की आवाज को सुनना चाहिए, जिन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान माना कि 1984 के सिख नरसंहार के दौरान दिल्ली में हजारों निर्दाेष सिखों की सामूहिक हत्या के लिए जगदीश टाइटलर को फांसी दी जानी चाहिए। इस खुलासे के बाद जगदीश टाइटलर को कांग्रेस पार्टी से तुरंत निष्कासित किया जाना चाहिए। साथ ही उनके द्वारा किये गये जघन्य अपराधों के लिए उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया जाना चाहिए। हरमीत कालका ने कहा कि कांग्रेस ने जो सिखों के साथ किया, उसे सिख कभी नहीं भूलेंगे। पिछले 37 वर्षों से सिख कह रहे थे कि जगदीश टाइटलर 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुख्य आरोपी हैं और उसके अपराधों के लिए उसे सजा दी जानी चाहिए। पर कांग्रेस हमेशा बचाती रही है।
-गुरुद्वारा कमेटी ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, स्पष्ट करें रुख
-पंजाब के मुख्यमंत्री ने माना सिख दंगों में मारे गए थे सिख : कालका
-जगदीश टाइटलर को कांग्रेस पार्टी से तुरंत निष्कासित किया जाना चाहिए
अब उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री चन्नी ने सार्वजनिक तौर पर माना और कहा कि जगदीश टाइटलर को उसके द्वारा किये गये अपराधों के लिए फांसी दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिख कभी नहीं भूलेंगे कि सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए, कांग्रेस ने कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। यह जानते हुए भी कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक हैं। कांग्रेस पार्टी को पंजाब चुनाव से पहले अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे कमलनाथ और जगदीश टाइटलर को उनके द्वारा किये गये अपराधों के लिए पार्टी से बाहर करेंगे या नहीं। कालका ने कहा कि सोनिया गांधी को सी.एम चन्नी द्वारा दिये गये बयान पर अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।
दिल्ली कमेटी के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, जो सभी मुद्दों पर बोलते हैं, उन्हें भी पंजाब चुनाव से पहले चन्नी की टिप्पणियों पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। काहलों ने कहा कि दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, के अथक प्रयासों के कारण, कमलनाथ के खिलाफ नवंबर 1984 में गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में भीड़ को भड़काने और नेतृत्व करने में उनकी भूमिका के लिए केस को फिर से खोल दिया गया है, जिसमें दो सिखों की हत्या हुई थी। दिल्ली कमेटी के प्रयासों के चलते वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों को जेल भेज गया और अब जगदीश टाइटलर की बारी है। सिखों को कांग्रेस पार्टी से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि टाइटलर और कमलनाथ कांग्रेस पार्टी में शीर्ष पदों दिये गये हैं ताकि उन्हें सजा से बचाया जा सके।