नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय । लोकसभा (Lok Sabha) में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करता रहा। सदन में हंगामा होता रहा, लेकिन आज इस विधेयक के लिए आप सब यहां आ गए। इसी विधेयक के लिए क्यों आए? बाकी नौ विधेयक के लिए क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके लिए देश नहीं गठबंधन जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पास होने के बाद अरविंद केजरीवाल आपको टाटा-बाय बाय कर देंगे। विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन में और दो-तीन लोगों को शामिल कर लीजिए, लेकिन अगले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही बनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन टूटने वाला विधेयक जैसे ही सामने आया, विपक्षियों को मणिपुर, दंगा, लोकतंत्र इत्यादि याद नहीं आया। तमाम विपक्षी एकत्रित होकर सामने बैठे हैं और यह लोग 130 करोड़ लोगों को बताते हैं कि हमें मणिपुर, लोकतंत्र की चिंता नहीं है सिफर् चुनाव की चिंता है। गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग का कोई मामला नहीं है। यहाँ जो मामला है वह यह है कि इसके बहाने सतकर्ता विभाग को अपने अधीन लेना है ताकि उनके भ्रष्टाचार को उजागर नहीं किया जा सके।
– गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर विस्तार से दी जानकारी, दिनभर चली चर्चा
-अमित शाह ने सतकर्ता विभाग को निशाना बनाया, केजरीवाल पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि मैं विपक्षी पाटिर्यों से कहना चाहता हूं कि आप दिल्ली के बारे में सोचें अपने गठबंधन के बारे में नहीं क्योंकि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ही एक बार फिर प्रधानमंत्री बनकर आने वाले हैं जनता ने अपना मन पहले ही बना लिया है। श्री शाह ने कहा कि वह तो समझते थे कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में पानी, साफ-सफाई और अन्य सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित करेेगी और इन विषयों पर नियमों-कानूनों को मजबूत करने का काम करेेगी लेकिन उसने सतकर्ता विभाग को निशाना बनाया ।
AAP सरकार के घपलों, घोटालों और भ्रष्टाचार को अनदेखा कर गठबंधन की गरज के कारण मदद करने वालों को आज पूरा देश देख रहा है।
चाहे कितने भी गठबंधन कर लो, 2024 में मोदी जी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। pic.twitter.com/n1Sb3EnoMs
— Amit Shah (@AmitShah) August 3, 2023
उन्होंने कहा कि सतकर्ता विभाग को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि उसके पास आबकारी घोटाले की फाइल, मुख्यमंत्री के नये बने आवास को अवैध रूप से बनाये जाने से संबंधित फाइल, बीएसईएस से संबंधित फाइल, एक कंपनी पर 21 हजार करोड़ रुपये के बकाया होने के बावजूद उसे फिर फंड देने से संबंधित फाइल जांच के लिए पड़ी हैं। श्री शाह ने कहा कि विपक्ष को गठबंधन बचाने की मजबूरी है, इसलिए वह इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह गठबंधन विधेयक पारित होने के बाद नहीं बचने वाला है।
केजरीवाल जी को दिल्ली की जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है, इसलिए वे बजट के अलावा कैबिनेट की बैठक ही नहीं बुलाते। pic.twitter.com/Ok9fkvinWt
— Amit Shah (@AmitShah) August 3, 2023
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के काम करने की कुछ झलक वह यहां प्रस्तुत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार देश की एक ऐसी सरकार है, जिसके कार्यकाल में विधानसभा का सत्रावसान ही नहीं होता। जब राजनीतिक भाषण देना होता है तो विधानसभा का आधे दिन का सत्र बुला लिया जाता है और जिसे निशाना बनाना होता है, उसे बुरा-भला कह दिया जाता है। उन्होंने कहा कि 2021 से लेकर 2023 तक बीच अब तक हर साल केवल एक-एक सत्र बुलाये गये हैं और वह भी बजट के लिए। इसी तरह केजरीवाल सरकार ने वर्ष 2022 में कैबिनेट की मात्र छह बैठकें बुलायीं, वर्ष 2023 में केवल दो ही बैठकें बुलायीं। यह बैठकें भी मुख्यत: बजट को लेकर थीं। श्री शाह ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले दो वर्ष से विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की एक भी रिपोटर् सदन के पटल पर नहीं रखी। श्री शाह ने पांच घंटे से अधिक चली चर्चा के अपने जवाब के अंतिम क्षणों में विपक्ष से इस विधेयक पर अपनी राय बदलने और इसका समर्थन करने की अपील करते हुए कहा यही समय और सही समय है।
Rules क्यों बनाने पड़े?
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah से सुनिए…
पूरा वीडियो देखें: https://t.co/05YULw16XT pic.twitter.com/Wr8VdVwZ1f
— BJP (@BJP4India) August 3, 2023
आप अपनी राय बदलिये, यह विधेयक पूर्णत: संविधान सम्मत है और दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए है। श्री शाह ने कहा कि चर्चा के दौरान कुछ राजनीतिक टिप्पणियां की गयी हैं। अत: वह उस पर भी कुछ बोल देते हैं। उन्होंने कहा, जनता दल (यू) के राजीव रंजन सिंह ने कहा है कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है। जिस चारा घोटाला के विरोध में आप जनता के समक्ष गये थे। आज उन्हीं लोगों के साथ आप बिहार में सरकार चला रहे हैं। बेंगलुरु में साथ बैठते हैं। कम्युनिस्ट और कांग्रेस केरल में एक-दूसरे के विरोधी हैं, लेकिन गठबंधन में साथ-साथ हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ये दल गठबंधन बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष को मणिपुर की या देश के किसानों और अन्य हितों की चर्चा होती तो वे इसी सत्र में पारित नौ विधेयकों की चर्चा में जरूर भाग लेते क्योंकि वे विधेयक भी महत्वपूर्ण थे। विपक्ष को केवल अपना गठबंधन टूटने का डर था और वे इस विधेयक पर चर्चा में केवल अपना गठबंधन बचाने के लिए आये हैं। पर वह बचने वाला नहीं। उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा जनता को भ्रमित करने के लिए नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, सदन के अंदर बोलिये जनता के भले के लिए बोलिए।
अधीर रंजन ने गैर संवैधानिक और संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताया
गृह मंत्री के भाषण के बाद कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन ने स्पष्टीकरण मांगने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली अध्यादेश को पुन: गैर संवैधानिक और संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताया। अध्यादेश को अस्वीकृत करने के श्री चौधरी और अन्य विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये सांविधिक प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया और उसके स्थान पर रखे गये विधेयक को पारित करने के श्री शाह के प्रस्ताव से ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। इसी दौरान सदन के बीचोबीच आकर विधेयक की प्रति फाड़कर फेंकने पर आम आदमी पाटर्ी के सदस्य सुशील कुमार रिंकू को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव पर इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।