नई दिल्ली/ अदिति सिंह: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका (Harmeet Singh Kalka) व महासचिव जगदीप सिंह काहलों (Jagdeep Singh Kahlon) ने आज यहां ऐलान किया कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान गुरमति शिविरों के सफल आयोजन के बाद अब सिंह सभाओं व विभिन्न गुरुद्वारा साहिबों में साप्ताहिक गुरमति कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। गुरमति कैंप को इस बार संगत का बहुत समर्थन मिला है।अब अगले चरण में हम सिंह सभाओं व अपने वांलटियर्स की पूरी टीम के साथ रणनीति बनाकर साप्ताहिक गुरमति कक्षाएं आयोजित करेंगे ताकि अधिक से अधिक बच्चे गुरबाणी और गुरसिखी जीवन से जुड़ सकें।
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर में स्थित भाई लक्खी शाह वणजारा हॉल में आयोजित समारोह में काहलों व कालका ने कहा कि गुरमति कैंप को इस बार संगत का बहुत समर्थन मिला है। इस बीच कृष्णा नगर गुरुद्वारा साहिब और शिव नगर सिंह सभा ने प्रत्येक शनिवार को यह गुरमति कक्षाएं आयोजित करने का फैसला किया है।
—गुरमति शिविरों के समापन पर बच्चों ने सारंगी वाद्ययंत्रों के साथ शब्दकीर्तन किया
—अधिक से अधिक बच्चे गुरबाणी और गुरसिखी जीवन से जुड़ सकें : कालका
—प्रत्येक शनिवार को गुरमति कक्षाएं आयोजित करने का फैसला किया
उन्होंने, सभी बच्चों को आज के शिविर में मूल मंत्र की व्याख्या, शब्द की व्याख्या व सारंगी वाद्ययंत्रों के साथ कीर्तन करने के लिए बधाई दी और कहा कि हम कई वर्षों से गुरमति के इस कीर्तन से वंचित थे। आज हमारी नई पीढ़ी खासकर दिल्ली की वह संगत जो व्यस्तता के चलते बच्चों को गुरमति से नहीं जोड़ पाती, इसलिए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने गुरमति शिविरों का आयोजन किया है। उन्होंने संगत और विशेषकर बच्चों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने घरों में मातृभाषा पंजाबी बोलें और परिवार के सभी सदस्यों को पंजाबी बोलने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने न केवल दिल्ली बल्कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी गुरमति शिविरों का आयोजन किया है। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा भेजे गए प्रचारक इस शिविर का संचालन राजस्थान के 80 गांवों में कर रहे हैं और 30 जून को आगरा के गुरुद्वारा गुरु के ताल में भी इसी तरह का अंतिम शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां बच्चे सीखी हुई गुरमत विद्या को सबके सामने प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम बार-बार कहते रहे हैं कि हमें अपनी पनीरी की सिख जड़ों को मजबूत करने की जरूरत है। सभी सिख संगठनों को पहल करने की जरूरत है और संगत हमेशा संगठनों द्वारा किए गए प्रयास को समर्थन देती है।
इन शिविरों का सफल आयोजन धर्म प्रचार समिति के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह करमसर द्वारा अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका के नेतृत्व में पूरी योजना के साथ किया गया। शिविरों के लिए पुस्तकें तैयार की गईं, जिनके माध्यम से बच्चों को गुरसिखी जीवन के बारे में जानाकरी हासिल हुई। इन बच्चों ने गुरसिखी जीवन के बारे में जो सीख ली है, उसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।
कालका और काहलों ने बाबा बंदा सिंह बहादुर के शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सरहिंद में ईंट से ईंट बजाकर वजीर खान से छोटे साहिबजादों की शहादत का बदला लिया था। वे ऐसे वीर जवान थे जो आज के दिन शहीद किए गए थे। उन्होंने संगत से अपील करते हुए कहा की कि वे अपने बच्चों को सरहिंद की धरती के दर्शन अवश्य कराएं, जहां छोटे साहिबजादों ने शहादत दी थी, जिसके चलते सिख राज की स्थापना हुई थी। इन शहादतों के कारण ही आज पूरी दुनिया में खालसा पंथ का परचम लहरा रहा है।