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Thursday, March 28, 2024

दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन गिरफ्तार, ED ने कसा शिकंजा

नयी दिल्ली/ अदिति सिंह । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एजेंसी ने पिछले महीने कहा था कि जैन के परिवार और जैन से संबंधित कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को उनके खिलाफ एक धनशोधन मामले की जांच के तहत अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि मंत्री को धनशोधन (निवारण) अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है। जैन (57) अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास और जल मंत्री हैं। दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। करप्शन और हवाला मामले में जैन के खिलाफ जांच चल रही थी। यह मामला कोलकाता की कंपनी से जुड़ा बताया जा रहा है। सत्येंद्र को अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है।
सत्येंद्र को मंगलवार 31 मई को दोपहर 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी के अफसर कोर्ट से जैन को रिमांड पर देने की मांग करेंगे।

—ED ने धनशोधन के मामले में की कार्रवाई,  राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं और आम आदमी पार्टी (आप) इस साल की शुरुआत में पंजाब में अपनी शानदार जीत के बाद राज्य में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी की बड़ी वजह यह भी सामने आई है कि वो ईडी को जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। मामले से जुड़ी जानकारियां जांच एजेंसी से छुपा रहे थे। अब ईडी सत्येन्द्र को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड मांगेगी, ताकि हवाला के इस मामले का पता लगाया जा सके। इस मामले को चलते करीब आठ साल हो गए हैं। पांच अप्रैल को भास्कर ने बताया था कि सत्येंद्र जैन पर ईडी की नजर है।
दो महीने पहले सीबीआई की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में दर्ज एफआईआर के बाद जैन के परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2017 में केस दर्ज किया था। बाद में ये केस ईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था।
ईडी के मुताबिक जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था।

दूसरी तरफ, इस मामले पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। भाजपा ने कहा है कि ये है ईमानदार सरकार के ईमानदार नेता। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के नेता और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। उनका कहना है की आठ साल से झूठा केस चलाया जा रहा था। जैन हिमाचल प्रदेश में हमारे चुनाव प्रभारी हैं, इसीलिए उन्हें गिफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली डेंटल काउंसलिंग के रजिस्ट्रार डॉ. ऋषि राज के घर पर पड़े सीबीआई छापे में सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज और दो करोड़ रुपए की बैंक डिपॉजिट स्लिप मिली थी। इससे पता चला था कि 2011 में जैन की कंपनियों के नाम पर दो करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। इसके अलावा जैन के नाम पर दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा और 8 बीघा जमीन के बैनामा के साथ 14 बीघा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी भी मिली थी।

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