-प्रत्याशियों के लिए कोरोना निगेटिव एवं टीका सर्टिफिकेट जरूरी
–चुनाव आयोग ने 2 मई को होने वाली मतगणना के लिए जारी की नई गाइडलाइन
— मतगणना केंद्रों पर बढ़ाई सख्ती, सभी के लिए कोरोना रिपोर्ट जरूरी
–45 साल के कंडीडेट को दिखाना होगा वैक्सीन खुराक की रिपोर्ट
नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों की होने वाली मतगणना को लेकर आज यहां बुधवार को एक नई सख्त गाइडलाइन जारी कर दी है। साथ ही कई पाबंदियां भी लगा दी है। मतगणना 2 मई को प्रस्तावित है। आयोग के मुताबिक मतगणना केंद्र के बाहर किसी भी तरह की भीड़ पर रोक रहेगी। साथ ही जीतने वाला उम्मीदवार केवल 2 लोगों के साथ ही अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने जा सकता है। आज की गाइडलाइन के मुताबिक 2 मई को वोटों की गिनती वाले दिन बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के किसी भी पोलिंग एजेंट को मतगणना केंद्र पर जाने की इजाजत नहीं होगी। रिपोर्ट 48 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। मतगणना के तीन दिन पहले उम्मीदवारों को मतगणना एजेंटों की एक सूची प्रदान करनी होगी। इसी के साथ जो भी पोलिंग एजेंट मतगणना केंद्र पर जाएगा, उसे पीपीई किट पहनना जरूरी होगा।
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आयोग ने कहा है कि जो भी प्रत्याशी मतगणना केंद्र पर जाएगा, उसे अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। इसके अलावा अगर कंडीडेट की उम्र 45 साल से ज्यादा है तो उसे अपना कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दिखाना भी जरूरी होगा। अगर उसने वैक्सीन की दो डोज ली हैं तो उसका सर्टिफिकेट उसे दिखाना अनिवार्य होगा।
इससे एक दिन पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने देश में बड़े पैमाने पर कोविड की वृद्धि के बीच पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी में हाल ही में हुए चुनावों के परिणामों पर किसी भी विजय उत्सव पर प्रतिबंध लगा चुका है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाने हैं। चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव खत्म हो चुके हैं और केवल बंगाल में 29 मई को एक चरण की वोटिंग बाकी है।
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चूंकि इस साल देश में कोरोना का संकट बड़ी तेजी से बढ़ा है और ऐसे में चुनाव रैलियों में उमड़ी भीड़ पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने 2 मई को लेकर अहम फैसले लिए हैं। इसके अलावा कुछ राज्यों में उपचुनाव भी हुए हैं, जिनकी मतगणना 2 मई को ही होने वाली है।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने चुनावों के दौरान कोविड नियमों की अनदेखी को लेकर आयोग को जोरदार फटकार लगाई थी और मतगणना पर रोक लगाने की चेतावनी भी दी थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग के वकील से कहा था कि आपकी संस्था एकल रूप से कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है, यदि मतगणना का ब्लूप्रिंट नहीं रखा जाता है तो कोर्ट मतगणना पर रोक लगा देगी। कोरोना के केस बढऩे के बीच चुनाव अभियान की मंजूरी देने के लिए कड़ी आलोचना करते हुए मद्रास हाइकोर्ट ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के लिए अकेले आपकी संस्था (चुनाव आयोग) जिम्मेदार है और आपके अधिकारियों को संभवत: हत्या के आरोप में बुक किया जाना चाहिए।