-गुरुद्वारा कमेटी की को-आप्शन सीटों पर चुनाव आज, होगी वोटिंग
-जागो पार्टी एवं अकाली दल के एक-एक प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए
-दोनों दलों के सामने बड़ी चुनौती, सदस्यों को जोड़े रहने का दबाव
-परमजीत सिंह सरना एवं दो अकाली उम्मीदवार मैदान में डटे
-चुनाव में दोनों दलों की ओर से क्रास वोटिंग का खतरा
-दिल्ली कमेटी को आज मिलेगे नये पांच कोआप्शन सदस्य
नई दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC)के आम चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरे शिरोमणि अकाली दल (बादल) के लिए वीरवार का दिन चुनौती भरा है। 2 को-आप्शन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बुधवार को दो उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया। अब तीन उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। इसके लिए चुनाव वीरवार को होगा। इसमें शिरोमणि अकाली दल के दो उम्मीदवार विक्रम सिंह रोहिणी, जसविंदर सिंह जौली मैदान में बचे हैं। जबकि शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के बीच मुकाबला है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के सामने अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने की बड़ी चुनौती है। वहीं, दूसरी ओर सरना दल और जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के सामने परमजीत सिंह सरना को ज्यादा से ज्यादा वोट डलवाने की कोशिश करनी पड़ेगी। मुख्य चुनाव में बादल दल के 27 उममीदवार जीते थे और सरना दल के सुखबीर सिंह कालरा के बादल दल में जाने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 28 हो गई है। लेकिन, एक मामले में कड़कडड़ूमा कोर्ट ने 6 वोट से चुनाव जीते बादल दल के उम्मीदवार भूपिंदर सिंह भुल्लर के को -आप्शन चुनाव में वोट डालने से रोक लगा दी है। जिसके बाद अकाली दल के पास अब 27 सदस्यों का समर्थन रह गया है। हालांकि, भुल्लर की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है, संभव है कि वीरवार को फैसला आ जाए। दूसरी ओर परमजीत सिंह सरना के पास 14 अपने सदस्य, 1 निर्दलीय तरविंदर सिंह मारवाह और 3 सदस्य जागो पार्टी को मिलाकर 18 सदस्य का आंकड़ा पहुंच जाता है। जबकि एक को-आप्शन सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 16 वोट चाहिए। इसको देखते हुए लगता है कि बादल और सरना दोनों एक-एक सीट जीत सकते हैं। हालांकि दोनों दलों की ओर से क्रास वोटिंग का खतरा है। इसकी हकीकत तो मतदान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। इन दो को-आप्शन सीटों के साथ ही सिंह सभा गुरुद्वारों के दो अध्यक्षों का चुनाव भी लॉटरी से होगा, जबकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधि के तौर पर मनजिंदर सिंह सिरसा को सदस्य घोषित गया है। हालांकि सिरसा के सदस्य बनने को लेकर विरोधी दलों द्वारा सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
बता दें कि को-आप्शन चुनाव के लिए बुधवार को नाम वापस लेने वालों में जागो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव परमिंदर पाल सिंह एवं शिरोमणि अकाली दल (बादल) के सतपाल सिंह चन्न ने नामजदगी पत्र वापस ले लिया है। इससे दो दिन पहले अकाली दल के ही एक दूसरे प्रत्याशी रविंदर सिंह आहूजा का नामांकन गुरुमुखी ना पढ़ पाने के कारण गुुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने रद्द कर दिया था।
4 तख्तों के जत्थेदार भी सदस्य के तौर पर होंगे नामित
गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय परिसर में वीरवार को कोआप्शन का चुनाव कराया जाएगा। इसके साथ ही 4 तख्तों के जत्थेदारों का नाम आधिकारिक तौर पर कमेटी सदस्य के रूप में गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय की तरफ से घोषित किया जाएगा। चारों जत्थेदार तख्त श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर, तख्त श्री हरमंदिर साहिब पटना साहिब, तख्त श्री हजूर साहिब, तख्त श्री केशगढ़ साहिब (आनंदपुर साहिब), दिल्ली कमेटी के पदेन सदस्य होते हैं, लेकिन इन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होता है। जबकि तख्त श्री दमदमा साहिब साबो की तलवंडी के जत्थेदार का नाम पांचवे तख्त के रूप में अभी तक दिल्ली सरकार के कानूनी विभाग द्वारा अभी नहीं जोड़ा गया है। हालांकि दिल्ली विधानसभा एवं केंद्रीय गृहमंत्रालय ने श्री दमदमा साहिब को पांचवे तख्त के रूप में शामिल करने की मंजूरी दे दी है।
कैसे होगा मतदान, 46 सदस्य डालेंगे वोट
गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय की ओर से मतदान के लिए तीनों उम्मीदवारों के नाम वाला बैलेट पेपर दिल्ली कमेटी के चुने हुए 46 सदस्यों को बारी-बारी दिया जाएगा। वह अपने बैलेट पेपर पर पेन से अपनी मर्जी के उम्मीदवार के नाम के आगे 1, 2, एवं 3 वरीयता अंकित कर सकते हैं। हालांकि पिछले 2017 के कोआप्शन चुनाव में किसी भी सदस्य ने 2 और 3 नंबर की वरीयता को अपनी पसंद के तौर पर नहीं चुना था। केवल 1 नंबर की वरीयता पर ही 46 वोट डाले गए थे। बता दें कि यह राज्यभा सदस्यों की तर्ज पर यह चुनाव होता है।